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संसद सत्र: पांच साल में PM मोदी की विदेश यात्राओं पर कितना खर्च, अदालतों में कितने मामले लंबित? जानें सबकुछ

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Excutive Editor

22 जुलाई 2023, सुबह 06:01


संसद का मानसून सत्र आज से शुरू हो गया। 11 अगस्त तक चलने वाले सत्र का पहला दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्र की शुरुआत से पहले मीडिया से बातचीत करते हुए इस पूरे मामले पर सख्त प्रतिक्रिया दी। दोषियों पर सख्त कार्रवाई के लिए भी कहा। उधर, विपक्षी दल मणिपुर के मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग पर अड़े रहे।

इससे पहले केंद्र की ओर से बताया गया कि सरकार ने पिछले पांच साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं पर 254.87 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने गुरुवार को राज्यसभा में एक लिखित जवाब इसका खुलासा किया। उन्होंने बताया कि पिछले पांच साल के दौरान पीएम की विदेश यात्रा पर दो अरब 54 करोड़ 87 लाख एक हजार 373 रुपये खर्च हुए हैं। 

इस अलावा सरकार ने बताया कि देश की विभिन्न अदालतों में लंबित मामलों की संख्या पांच करोड़ के पार पहुंच गई है। एक लिखित उत्तर में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि देश की सुप्रीम कोर्ट, 25 हाईकोर्ट और अधीनस्थ न्यायालयों में 5.02 करोड़ से अधिक मामले लंबित हैं। इंटीग्रेटेड केस मैनेजमेंट सिस्टम (ICMIS) से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, एक जुलाई तक सुप्रीम कोर्ट में 69,766 मामले लंबित थे। वहीं, राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड (एनजेडीजी) की बात करें तो 14 जुलाई तक हाईकोर्ट में 60 लाख 62 हजार 953 मामले लंबित हैं। इसके अलावा जिला और अधीनस्थ अदालतों में लंबित मामलों की कुल संख्या चार करोड़ 41 लाख 35 हजार 357 है।

यूसीसी पर विचार विमर्श की जरूरत
केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि विधि आयोग ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की प्रासंगिकता, महत्व और मामले पर अदालत के विभिन्न आदेशों के कारण इस मुद्दे पर नए सिरे से विचार-विमर्श शुरू किया है। राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि 21वें विधि आयोग ने 31 अगस्त, 2018 को परिवार कानून में सुधार पर एक परामर्श पत्र जारी किया था। हालांकि, उसने इस विषय पर कोई रिपोर्ट नहीं सौंपी थी।

मेघवाल ने कहा कि परामर्श पत्र जारी करने की तारीख से चार साल से अधिक समय बीत चुका है। इसलिए 22 वें विधि आयोग (वर्तमान पैनल) ने विषय की प्रासंगिकता और महत्व और समान नागरिक संहिता के विषय पर विभिन्न अदालती आदेशों को ध्यान में रखते हुए 14 जून 2023 को बड़े पैमाने पर जनता और धार्मिक संगठनों के विचार और विचार मांगने का फैसला किया।

4.63 लाख से अधिक अभ्यर्थी भर्ती हुए: केंद्र
सरकार ने बताया कि इस साल मार्च तक पांच साल की अवधि में 4.63 लाख से अधिक अभ्यर्थियों को सरकारी नौकरियों में भर्ती किया गया है। केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि एक अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2023 तक संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी), कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) और रेलवे भर्ती बोर्डों (आरआरबी) की ओर से कुल 4,63,205 उम्मीदवारों के नामों की सिफारिश की गई, जिनमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थी भी हैं।

प्रतियोगी परीक्षा कराने का कोई प्रस्ताव नहीं: सरकार
विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के चयन के लिए प्रतियोगी परीक्षा शुरू करने का कोई प्रस्ताव नहीं है, क्योंकि उनकी नियुक्ति संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार की जा रही है। विधि मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, भारत में 25 उच्च न्यायालय हैं जिनमें न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 1,114 है और एक जुलाई की स्थिति के अनुसार 333 पद खाली हैं।

देश के 21 राज्यों ने मॉडल भूजल विधेयक अपनाया: सरकार
केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय ने कहा कि 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने मॉडल भूजल विधेयक अपनाया और लागू किया है, जिसमें वर्षा जल संचय के प्रावधान हैं। केंद्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री बिश्वेश्वर टुडु ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एक प्रारूप विधेयक भेजा था ताकि वे समुचित भूजल विधेयक लागू कर सकें।

विपक्ष ने राज्यसभा कार्य मंत्रणा समिति की बैठक का बहिष्कार किया
विपक्षी दलों के कई नेताओं ने राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक का बहिष्कार किया। राज्यसभा के पदेन सभापति जगदीप धनखड़ द्वारा लिखित में विपक्षी नेताओं का विरोध दर्ज नहीं किए जाने के बाद कांग्रेस, वाम दलों, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, राजद, राकांपा और आप सहित अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने बीएसी की बैठक से बहिर्गमन किया। भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने भी बहिर्गमन में उनका साथ दिया। जानकारी के मुताबिक, बहिर्गमन  प्रधानमंत्री मोदी की ओर से मणिपुर मुद्दे पर संसद में बयान नहीं देने और दिल्ली के सेवा मामले पर अध्यादेश के अदालत के विचाराधीन होने के बावजूद सरकार द्वारा उसके स्थान पर विधेयक लाए जाने के विरोध में किया गया।

NDA सांसदों से बातचीत कर सकते हैं प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसद के मौजूदा मानसून सत्र के दौरान भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सांसदों के साथ बातचीत कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी से मुलाकात के लिए सांसदों को 10 समूहों में बांटा गया है। पीएम मोदी आम तौर पर सत्र के दौरान विभिन्न राज्यों के भाजपा सांसदों से बातचीत करते हैं। बातचीत के दौरान 2024 के लोकसभा अभियान के विभिन्न पहलू भी सामने आ सकते हैं।

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