Q2 GDP: अर्थव्यवस्था में आई रिकवरी, जुलाई-सितंबर तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 8.4% बढ़ी।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने मंगलवार को जुलाई-सितंबर तिमाही के जीडीपी आंकड़े (GDP Data) जारी किए और ये आंकड़े देश की अर्थव्यवस्था के ‘अच्छे दिन’ वापस आने की गवाही दे रहे हैं। सरकार ने मंगलवार 30 नवंबर को वित्त वर्ष 2021-22 के लिए देश की GDP के आंकड़े जारी कर दिए हैं।

जुलाई-सितंबर तिमाही में देश की जीडीपी -7.4% से बढ़कर 8.4 फीसदी हो गई है। बता दें कि जून तिमाही में भारत की जीडीपी 20.1 फीसदी रही थी। जून तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था अब तक की सबसे तेज दर के साथ बढ़ी थी।

इसमें एक साल पहले की रिकॉर्ड गिरावट की वजह से कम आधार वजह थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़े के अनुसार पिछले वित्त वर्ष 2020-21 की जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर में 7.4 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।

स्थिर मूल्य (2011-12) पर जीडीपी के 2021-22 की अप्रैल-सितंबर अवधि में 68.11 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जो पिछले साल इसी अवधि में 59.92 लाख करोड़ रुपये था।

वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही में कई ऐसे संकेत देखने को मिले हैं जिनसे पता चलता है कि अर्थव्यवस्था तेजी से रिकवर हो रही है। दूसरी तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ में बढ़ोतरी के पीछे मुख्य वजह डिमांड में इजाफा है। उनके मुताबिक, कोरोना महामारी में रूकी मांग का असर अब देखने को मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि सप्लाई में दिक्कतें हैं। लेकिन डिमांड में अच्छी बढ़ोतरी हुई है। इकबाल के मुताबिक, पिछले साल की समान तिमाही में नेगेटिव में जीडीपी ग्रोथ रहने से इसमें बेस इफेक्ट भी दिखाई दिया है। इकबाल ने बताया कि आने वाली तिमाहियों में भी आर्थिक ग्रोथ बेहतर बनी रहेगी।

उनका कहना है कि देश में आर्थिक ग्रोथ में आगे और बेहतर स्थिति देखने को मिल सकती है। हालांकि, अगर कोरोना महामारी की अगली लहर आती है, तो उससे इसमें रूकावट आएगी। उनका कहना है कि उत्पादन अपनी पूरी क्षमता के नजदीक बना हुआ है। इसके साथ उनका मानना है कि सरकार ने भी रिफॉर्म की दिशा में कई अच्छे कदम उठाए हैं। कुल मिलाकर ये सभी बातें अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत हैं।

Share It