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लोगों को निर्वस्त्र देखने के लिए खरीदना चाहता था 'मैजिक मिरर', यूपी के व्यक्ति से हो गई 9 लाख की ठगी

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Excutive Editor

17 अगस्त 2023, दोपहर 12:16


कानपुर. ठगी की एक अजीब घटना में कानपुर के एक 72 वर्षीय व्यक्ति को पश्चिम बंगाल के तीन लोगों ने बेवकूफ बना दिया. शिकायत सामने आने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. पीड़ित की पहचान अविनाश कुमार शुक्ला के रूप में हुई है, जिससे कथित तौर पर 9 लाख रुपये की ठगी की गई थी. ठगी का जाल बिछाते हुए तीन लोगों ने एक युवक को ‘जादुई दर्पण’ खरीदने का लालच दिया. इसमें बताया गया कि ‘जादुई मिरर’ के जरिए लोगों को नग्न देखे जाने की क्षमता है. तीनों लोगों की पहचान पार्थ सिंघराय, मलय सरकार, सुदीप्त सिन्हा रॉय के रूप में हुई है. नयापल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है.

लोगों को ठगी का शिकार बनाने वाले लोगों की गिरफ्तारी के दौरान कई चीजें जब्त की गईं. इसमें एक कार, 28,000 रुपये नकद, पांच मोबाइल फोन शामिल थे, जिसमें ‘मैजिक मिरर’ की रहस्यमय शक्तियों को प्रदर्शित करने वाले वीडियो और संदिग्ध समझौते के कागजात शामिल थे. पीड़ित आपसी जान-पहचान के जरिए इस योजना का हिस्सा बन गया था. ठगी करने वाले लोगों ने खुद को सिंगापुर की एक कंपनी का कर्मचारी बताया, जो पुरावशेषों के संग्रह के लिए प्रसिद्ध है. आरोपियों ने शुक्ला को दो करोड़ रुपये में ‘मैजिक मिरर’ हासिल करने की पेशकश की थी.

भुवनेश्वर पहुंचने पर होने लगा ठगी का शक
उन्हें बताया गया कि दर्पण का उपयोग संयुक्त राज्य अमेरिका में नासा के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया था. किसी तरह, वे शुक्ला को भुवनेश्वर की यात्रा करने के लिए मनाने में कामयाब रहे. होटल पहुंचने पर दावे निराधार निकले तो शुक्ला ने  पैसे वापस मांगना शुरू कर दिया. नयापल्ली पुलिस स्टेशन के प्रभारी इंस्पेक्टर विश्वरंजन साहू ने कहा, ‘शुक्ला को इन लोगों से होटल में मुलाकात के दौरान साजिश का अहसास हुआ. शुक्ला कुछ समझ पाते वे उऩसे 9 लाख रुपये की मोटी रकम लेकर फरार हो गए थे.’

इस बीच, एक अन्य घोटाले के मामले में एक चीनी नागरिक ने गुजरात स्थित अपराधियों के साथ मिलकर एक फुटबॉल सट्टेबाजी ऐप बनाया, जिससे सामूहिक रूप से 1,200 लोगों को धोखेबाजी का शिकार बनाया गया. ऐप का उपयोग करके, 9 दिनों की अवधि में लगभग 1,400 करोड़ रुपये की ठगी की गई थी.

एसआईटी का गठन कर किया खुलासा
द टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, मास्टरमाइंड वू उयानबे चीन के शेनझेन क्षेत्र का रहने वाला है. उसे पाटन और बनासकांठा से बाहर घोटाले की पूरी योजना का संचालन करते हुए पाया गया था. गुजरात पुलिस को इस मामले को सुलझाने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करना पड़ा.

 

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