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पलवल की महापंचायत में हिंदुओं की हुंकार, नूंह में 28 अगस्त को बृजमंडल यात्रा फिर निकालने का ऐलान

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Excutive Editor

14 अगस्त 2023, सुबह 07:49


हरियाणा के नूंह में फिर ब्रजमंडल यात्रा निकालने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए 28 अगस्त का दिन तय किया गया है। हालांकि प्रशासन से बातचीत के बाद तारीख आगे-पीछे भी की जा सकती है। यह फैसला रविवार को पलवल में हुई हिंदू महापंचायत में लिया गया।

31 जुलाई को इसी यात्रा के दौरान जमकर हिंसा और आगजनी हुई थी। जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा दंगों की जांच NIA से करवाने, नूंह में बसे रोहिंग्या को बाहर निकालने और फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस MLA मामन खान को भी तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की गई।

महापंचायत में पहुंचे गुरुग्राम जिले की सोहना विधानसभा सीट के BJP MLA संजय सिंह ने अधूरी रह गई ब्रजमंडल यात्रा को दोबारा शुरू करने का मुद्दा उठाया था।

महापंचायत की 4 प्रमुख मांगें

1. महापंचायत में सर्वसम्मति से गठित 51 लोगों की कमेटी ने नूंह दंगों में मारे गए लोगों के परिवारों को एक-एक करोड़ का मुआवजा व सरकारी नौकरी और घायलों को 50-50 लाख रुपए देने की मांग की।

2. नूंह जिले को खत्म करने के साथ-साथ वक्ताओं ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को बदलने की डिमांड भी की।

3. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव रतन सिंह सोरोत ने कहा कि दंगाइयों पर नूंह में दर्ज किए गए सभी मुकदमों को गुरुग्राम या किसी दूसरे जिले में ट्रांसफर वहां इनकी सुनवाई फास्ट ट्रैक करवाई जाए।

4. रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) या हरियाणा पुलिस की एक बटालियन का हेडक्वार्टर नूंह में ही बनाई जाए। नूंह या आसपास लगते गांवों में रहने वाले परिवार सेल्फ डिफेंस के मकसद से आर्म्स लाइसेंस बनवाना चाहें तो उन्हें नियमों में छूट देकर ज्यादा से ज्यादा आर्म्स लाइसेंस जारी किए जाएं।

हिंदुओं के साथ मुस्लिम पाल ने भी लिया हिस्सा
पलवल में हुई सर्वजातीय हिंदू महापंचायत की अध्यक्षता मेवात के 40 हिन्दू पाल और 12 मुस्लिम पाल के अध्यक्ष चौधरी अरूण जैलदार ने की। महापंचायत में हजारों की संख्या में हिन्दू समाज के लोग पहुंचे हैं। वहीं इस महापंचायत में हरियाणा गौरक्षा दल के उपाध्यक्ष आचार्य आजाद, सोहना के विधायक संजय सिंह, पलवल के पूर्व विधायक सुभाष चौधरी भी शामिल हुए।

5 पाल ने किया बहिष्कार
इससे पहले डागर पाल ने रविवार सुबह इस महापंचायत का बहिष्कार करने का फैसला लिया। डागर पाल के बहिष्कार के साथ रावत, सहरावत, चौहान व तेवतिया पाल के पंचों ने भी अपनी सहमति जताते हुए महापंचायत का बहिष्कार की बात कही। जिसकी पुष्टि डागर पाल के प्रधान चौधरी धर्मबीर डागर ने की है। यह निर्णय डागर पाल के बड़े गांव मंडकोला में पंचायत करके लिया गया।

महापंचायत में VHP, बजरंग दल के लोग, इसलिए साथ नहीं
डागर पाल के प्रधान चौधरी धर्मबीर डागर ने बताया पाल और खापों का कर्तव्य समाज को जोड़ना होता है, न कि तोड़ना। यह जो महापंचायत हुई उसमें विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल के लोग हैं। हम चाहते हैं कि अगर महापंचायत होती है तो उसमें हिंदू-मुस्लिम सभी लोग शामिल हो और आपसी भाईचारे और सौहार्द की बात करें। कुछ लोग धार्मिक संगठनों का चोला पहाड़कर समाज को तोड़ना चाहते हैं, जो बिल्कुल गलत है।

नूंह में नहीं मिली महापंचायत करने की परमिशन
बता दें कि महापंचायत को पहले नूंह में किया जाना था, लेकिन प्रशासन ने कर्फ्यू और माहौल को देख परमिशन नहीं दी, जिसके बाद पलवल की नूंह-पलवल रोड पर पोंडरी गांव में यह महापंचायत हुई। इस महापंचायत में 28 अगस्त को नूंह में ब्रजमंडल यात्रा पूरी कराने का फैसला लिया गया। 31 जुलाई को इसी यात्रा के दौरान नूंह में हिंसा हुई थी।

महापंचायत को लेकर नूंह पुलिस भी पूरी अलर्ट पर रही। इसमें हेट स्पीच देने वालों पर नजर रखने के लिए खुफिया तंत्र अलर्ट रहा। यहां पर जिस भी वक्ता ने स्पीच दी, उसको खुफिया एजेंसी ने रिकॉर्ड किया है। खुफिया विभाग के अधिकारियों ने महापंचायत से जुड़ी तमाम रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भिजवा दी है।

महापंचायत के लिए सुबह से ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त
महापंचायत के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए नूंह-पलवल बॉर्डर पर नूंह के डीसी धीरेंद्र खड़गटा ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किए थे। नूंह-पलवल बॉर्डर के नजदीक किरा गांव में पुलिस ने नाका लगाया था जहां पंचायती राज महकमे के XEN नरेंद्र सिंह कुंडू बतौर ड्यूटी मजिस्ट्रेट तैनात थे। इसी तरह नूंह के जिला नगर योजनाकार बिनेश कुमार को गंगोली गांव के पास पुलिसबल तैनात करते हुए ड्यूटी मजिस्ट्रेट लगाया गया।

6 लोग मारे गए थे हिंसा में
31 जुलाई को नूंह में ब्रजमंडल यात्रा पर पथराव के बाद हिंसा फैल गई थी। हिंसा की आग पड़ोसी जिले गुरुग्राम, पलवल, फरीदाबाद में भी फैली थी। अन्य जिलों में भी छिटपुट घटनाएं देखने को मिली थीं। हिंसा के दौरान होमगार्ड के 2 जवानों सहित 6 लोगों की मौत हुई थी। इसके साथ ही 150 से ज्यादा वाहनों को फूंक दिया गया और 80 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

13 दिन से नूंह में इंटरनेट बंद
हिंसा के बाद हरियाणा के 9 जिलों में धारा 144 लागू की गई थी। ज्यादातर जिलों में धारा 144 हटा दी गई है, लेकिन नूंह में पिछले 13 दिन से कर्फ्यू लगा है। इंटरनेट भी बंद है। प्रशासन की तरफ से 13 अगस्त रात 12 बजे तक के लिए नूंह में इंटरनेट बैन किया हुआ है। फिलहाल नूंह में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होती दिख रही है। इलाके में पैरामिल्ट्री की 20 कंपनियां और पुलिस फोर्स की 30 कंपनियां दी गई हैं।

 

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