02 अगस्त 2023, दोपहर 10:34
आर्टिकल धारा 370 हटने से पहले लद्दाख भी जम्मू कश्मीर राज्य का ही एक अंग हुआ करता था, लेकिन 5 अगस्त 2019 के बाद से केंद्र सरकार ने लद्दाख को एक अलग केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया.
Abrogation of Article 370: हर दिन की तरह 5 अगस्त 2019 भी एक सामान्य दिन था जब संसद का मानसून सत्र चल रहा था. इसी दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रोज की तरह अपने घर से निकल कर संसद पहुंचे, लेकिन वह लोकसभा की बजाए सीधे राज्यसभा की तरफ मुड़ गये. उस दिन स्पीकर चेयर पर राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडु पदेन थे.
गृहमंत्री अमित शाह ने सदन में पहुंचते ही उपराष्ट्रपति की इजाजत लेकर बोलना शुरू कर दिया. इस दौरान उनके बोलने से पहले ही जम्मू कश्मीर से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेस नेता और उन दिनों राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने जम्मू कश्मीर में अचानक बढ़े सैन्य हालातों को लेकर उनको टोकना शुरू कर दिया, लेकिन सभापति के मना करने के बाद वह वापस बैठ गए.
अमित शाह ने कहा कि महोदय, मैं संकल्प प्रस्तुत करता हूं कि यह सदन धारा 370 को भारत के राष्ट्रपति की सिफारिश पर जिस दिन से यह गजट प्रकाशित किया जाएगा उस दिन से अनुच्छेद 370 के कोई भी खंड राज्य में लागू नहीं होगा. अपने इस ऐलान के बाद अमित शाह ने एक दूसरी घोषणा की. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बनेगा और लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाएगा.
अमित शाह के इस ऐलान के साथ ही राज्यसभा में हंगामा मच गया. तो वहीं दूसरी तरफ जम्मू कश्मीर के हर संवेदनशील भाग पर सरकार ने सुरक्षा बढ़ा दी. इंटरनेट बंद कर दिया गया और धारा 144 लागू कर दी गई. हालांकि इस घटना के बाद सवाल उठता है कि आखिर धारा 370 क्या थी और इसके लागू होने से राज्य में क्या प्रभाव पड़ा?
तो आखिर क्या है धारा 370?
जिस धारा को हटाने के लिए 5 अगस्त 2019 को इतने ज्यादा सुरक्षा इंतजाम करने पड़े आखिर वो क्या है? धारा 370 के मुताबिक भारत की संसद को जम्मू कश्मीर के लिए रक्षा, विदेश मामले और संचार के विषय में कानून बनाने का अधिकार चाहिए होता था और अन्य किसी मुद्दे पर कोई कानून लागू करवाने के लिए केंद्र सरकार को राज्य सरकार का अनुमोदन चाहिए होता था.
धारा 370 मिलने से जम्मू कश्मीर के लोगों को क्या अधिकार मिलते थे?
धारा 370 मिलने के बाद जम्मू कश्मीर को कई विशेषाधिकार मिलते थे. जिनके बारे में हम नीचे प्वाइंटर्स में बता रहे हैं.
कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद ऊपर दिया गया हर प्वाइंटर बदल गया है. यानी अब देश के बाकी राज्यों की तरह ही कश्मीर में भारत के संविधान का हर कानून लागू होगा, हर नियम लागू होंगे और वहां के नागरिकों को दोहरी नागरिकता नहीं मिलेगी.