28 जुलाई 2023, सुबह 09:31
जलवायु परिवर्तन की वजह से दुनियाभर में मौसम की मार लोग झेल रहे हैं। कहीं बाढ़, तो कहीं सूखा, कहीं सर्दी तो कहीं तेज गर्मी से लोग परेशान हैं। इस बीच, चार साल बाद तेज गर्मी से एक रिकॉर्ड टूटने वाला है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस साल का जुलाई सबसे गर्म महीना होगा। अगर जुलाई के सिर्फ शुरुआती तीन सप्ताहों की बात करें तो औसत तापमान में 1.5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है।
इस पर पड़ा सबसे अधिक असर
कॉपरनिकस जलवायु परिवर्तन सेवा (सी3एस) और विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) का कहना है कि बढ़ता तापमान कनाडा और ग्रीस सहित कई देशों के जंगलों में लगी आग का नतीजा है। इसका लोगों के स्वास्थ्य, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था पर बड़ा प्रभाव पड़ा है।
बदलती जलवायु बन रही खतरा
डब्ल्यूएमओ के महासचिव पेटेरी तालस ने कहा कि इस साल जुलाई में जिस भयंकर गर्मी से लोग प्रभावित हुए वह बदलती जलवायु की कड़वी सच्चाई है। उन्होंने कहा कि आज के समय में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक जरूरी है। जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए कार्रवाई करना जरूरी है।