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सहारा इंडिया: सहारा में फंसा पैसा इतने दिनों में मिल जाएगा,...

सहारा इंडिया: सहारा में फंसा पैसा इतने दिनों में मिल जाएगा, निवेशकों को पोर्टल पर करना होगा अप्लाई, जानें प्रोसेस

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Excutive Editor

18 जुलाई 2023, सुबह 07:40


सहारा इंडिया के निवेशकों के पैसे लौटाने के लिए केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को नई दिल्ली में 'सहारा रिफंड पोर्टल' लॉन्च किया। पोर्टल के जरिए सहारा की 4 को-ऑपरेटिव सोसाइटी के निवेशक ही आवेदन कर सकते हैं।

इन को-ऑपरेटिव सोसाइटीज के 10 करोड़ निवेशकों के पैसे फंसे हुए हैं। इसमें बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है। पैसे वापस नहीं मिलने पर निवेशकों ने इस मामले में सरकार से हस्तक्षेप करने की अपील की थी।

4 को-ऑपरेटिव सोसाइटी के निवेशक कर सकेंगे आवेदन

  • सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड लखनऊ
  • सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड भोपाल
  • हमारा इंडिया क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड कोलकाता
  • स्टार्स मल्टीपर्पज को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड हैदराबाद

ऊपर बताई गई पहली तीन सोसाइटीज के किसी भी जमाकर्ता जिसने 22 मार्च 2022 से पहले पैसा जमा किया हो वो रिफंड के लिए एलिजिबल है। वहीं स्टार्स मल्टीपर्पज को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड हैदराबाद के 29 मार्च 2023 से पहले के निवेशक आवेदन कर सकते हैं।

रिफंड की पूरी प्रोसेस:

  • सबसे पहले https://mocrefund.crcs.gov.in/ पोर्टल पर जाए।
  • पोर्टल के होमपेज पर जमाकर्ता पंजीकरण पर क्लिक करें।
  • आधार नंबर और इससे जुड़ा मोबाइल नंबर डालना होगा।
  • सेंड OTP पर क्लिक करें और OTP आने पर दर्ज करें।
  • रजिस्ट्रेशन पूरा होने पर जमाकर्ता लॉगिन पर क्लिक करें।
  • दोबारा आधार और मोबाइल नंबर डालकर OTP दर्ज करें।
  • नियम और शर्तों को पढ़कर 'मैं सहमत हूं' पर क्लिक करें।
  • आपकी पूरी डिटेल्स जैसे बैंक का नाम, जन्मतिथि आ जाएगी।
  • जमा प्रमाण पत्र की प्रति के साथ दावा अनुरोध फॉर्म भरें।
  • सोसाइटी का नाम, सदस्यता नंबर, जमा राशि भरनी होगी।
    • कोई लोन लिया है या पार्शियल पेमेंट मिला है तो ये बताना होगा।
    • दावा राशि 50 हजार से ज्यादा है तो पैन कार्ड की डिटेल्स दें।

    एक ही बार दावा किया जा सकता है इसलिए एक बार में ही सभी डिपॉजिट डिटेल्स भरें। वैरिफिकेशन के बाद दावा फॉर्म डाउनलोड करना होगा। इस पर अपनी नई फोटो चिपकाएं और साइन करें। अब इस दावा फॉर्म को अपलोड कर जमा करना होगा।

    दावा सफलतापूर्वक प्रस्तुत करने पर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर मैसेज भेजा जाएगा। अब इस दावे को सहारा सोसाइटी 30 दिन के अंदर वैरिफाई करेगी। फिर सरकारी अधिकारी अगले 15 दिन में इस पर कार्रवाई करेंगे। दावा अप्रूव होने पर राशि सीधे आपके आधार से जुड़े अकाउंट में जमा की जाएगी।

    सहारा रिफंड पोर्टल से जुड़े जरूरी सवालों के जवाब:
    1. सहारा रिफंड पोर्टल के माध्यम से रिफंड के लिए कौन पात्र हैं?

    • सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड लखनऊ
    • सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड भोपाल
    • हमारा इंडिया क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड कोलकाता
      • स्टार्स मल्टीपर्पज को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड हैदराबाद

      ऊपर बताई गई पहली तीन सोसाइटीज के किसी भी जमाकर्ता जिसने 22 मार्च 2022 से पहले पैसा जमा किया हो वो रिफंड के लिए एलिजिबल है। वहीं स्टार्स मल्टीपर्पज को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड हैदराबाद के 29 मार्च 2023 से पहले के निवेशक आवेदन कर सकते हैं।

      जमाकर्ता के पास क्या-क्या डिटेल्स होना चाहिए?
      ए. सदस्यता संख्या
      बी. जमा खाता संख्या
      सी. आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर
      डी. जमा प्रमाणपत्र/पासबुक
      ई.पैन कार्ड (यदि दावा राशि 50,000/- और अधिक है)

      2. यदि मेरे पास पैन कार्ड नहीं है तो क्या होगा?
      यदि दावा राशि 50,000/- और इससे अधिक है तो जमाकर्ता के पास पैन कार्ड होना चाहिए।

      3. क्या आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट अनिवार्य है?
      डिपॉजिटर्स के पास आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर और आधार से जुड़ा बैंक अकाउंट होना अनिवार्य है।

      4. बैंक अकाउंट से आधार सीडिंग की जांच कैसे करें?
      बैंक अकाउंट के साथ आधार जोड़ने की स्थिति की जांच करने के लिए UIDAI वेबसाइट पर जाएं।

    • 5. क्या जमाकर्ता किसी भी फाइल टाइप में डॉक्यूमेंट अपलोड कर सकता है?
      डॉक्यूमेंट्स को पीडीएफ/जेपीईजी/पीएनजी/जेपीईजी2 में ही अपलोड कर सकते हैं।

      6. क्या जमाकर्ता को एक ही दावा प्रपत्र में सभी डिपॉजिट की डिटेल्स देना आवश्यक है?
      जमाकर्ता को सभी जमाओं की डिटेल्स एक ही दावा प्रपत्र में जोड़कर देना होगा। जमा प्रमाणपत्र या पासबुक की कॉपी भी अपलोड करनी होगी।

      7. क्या जमाकर्ता दावा फॉर्म जमा करने के बाद और दावे जोड़ सकता है?
      जी नहीं, दावा फॉर्म जमा करने के बाद जमाकर्ता कोई दावा नहीं जोड़ सकते। इसलिए, एक बार में ही ठीक से फॉर्म भरें।

      8. जमाकर्ता को कैसे पता चलेगा कि उसका फॉर्म सफलतापूर्वक पेश हो गया है?
      दावा सफलतापूर्वक प्रस्तुत होने पर, पोर्टल पर एक पावती संख्या दिखाई देगी और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर SMS भी आएगा।

      9. जमाकर्ता को रिफंड की राशि कितने दिनों में मिलेगी?
      जिस तारीख को आपने दावा किया है उससे 45 दिनों के अंदर दावा राशि आधार से जुड़े अकाउंट में आ जाएगी।

      10. क्या जमाकर्ता दावा आवेदन आंशिक रूप से भरने के बावजूद बाहर निकल सकता है?
      जी हां, जमार्ता पोर्टल से बाहर निकल सकता है। बाद में फिर से लॉगइन कर प्रोसेस कंटीन्यू कर सकता है।

      5,000 करोड़ रुपए ट्रांसफर होंगे

    • सहारा ग्रुप की सहकारी समितियों के वास्तविक सदस्यों/जमाकर्ताओं की शिकायतों को दूर करने के लिए मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर किया था। मार्च में, सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि सहारा ग्रुप की सहकारी समितियों के वास्तविक जमाकर्ताओं के बकाया के भुगतान के लिए 'सहारा-सेबी रिफंड अकाउंट' से 5,000 करोड़ रुपए सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसाइटीज (CRCS) में ट्रांसफर किए जाएं।

      जस्टिस सुभाष रेड्डी की निगरानी में पूरी की जाएगी प्रोसेस
      डिपॉजिटर्स को पैसा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज आर सुभाष रेड्डी की निगरानी लौटाया जाना है। इस मामले में एडवोकेट गौरव अग्रवाल जस्टिस रेड्डी को असिस्ट करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के अगस्त 2012 में सहारा ग्रुप की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन (SIRECL) और सहारा हाउसिंग इंडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SHICL) को इन्वेस्टर्स का पैसा लौटाने के निर्देश के बाद सहारा-सेबी एस्क्रो अकाउंट खोले गए थे। जिसमें सहारा ग्रुप की ओर से पैसे जमा करवाए गए थे।

      बड़ी प्राइवेट कंपनियों में से एक हुआ करती थी सहारा
      सहारा देश की बड़ी प्राइवेट कंपनियों में से एक हुआ करती थी, जिसके 11 लाख से ज्यादा कर्मचारी थे। रियल एस्टेट, फाइनेंस, इंफ्रास्ट्रक्चर, मीडिया एंड एंटरटेनमेंट, हेल्थ केयर, हॉस्पिटैलिटी, रीटेल, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से लेकर स्पोर्ट्स तक सहारा इंडिया का बिजनेस फैला था। 11 सालों तक यह ग्रुप टीम इंडिया का स्पॉन्सर रहा। IPL में पुणे वॉरियर्स टीम के मालिक भी सुब्रत रॉय सहारा थे।

    • सुब्रत रॉय सहारा पर अपनी दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन (SIRECL) और सहारा हाउसिंग इंडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SHICL) में नियमों के खिलाफ लोगों से पैसे निवेश करवाने का आरोप लगा था। इस मामले को लेकर उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय को 24,400 करोड़ रुपए निवेशकों को लौटाने को कहा था। तब से लेकर आज तक ये केस चल रहा है।

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