11 जुलाई 2023, सुबह 06:49
हिमाचल प्रदेश में बारिश ने जमकर तबाही मचाई. बीते दो दिनों में ही 29 लोगों की जान चली गई. बारिश से हुई तबाही के बाद सरकार को चार हजार करोड़ रुपए के नुकसान का आकलन है. आने वाले दिन भी भारी पड़ सकते हैं.
हिमाचल में मॉनसून से नुकसान: हिमाचल प्रदेश में 72 घंटे से ज्यादा की मूसलाधार बारिश ने चारों तरफ हाहाकार मचा दिया. लगातार हुई बारिश की वजह से प्रदेश भर में भारी नुकसान हुआ. बीते दो दिनों में ही 29 लोगों की जान चली गई. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, कांगड़ा में एक, चंबा-मंडी में 3-3, कुल्लू में छह, बिलासपुर-सिरमौर में 1-1 और सोलन में तीन लोगों की जान चली गई. 24 जून को हिमाचल प्रदेश में मानसून के आदेश के बाद अब तक 63 लोगों की जान जा चुकी है.
चार हजार करोड़ रुपए के नुकसान का आकलन
लगातार हो रही बारिश से सबसे ज्यादा तबाही हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी और कुल्लू में हुई है. इस प्राकृतिक मार से राज्य को अब तक चार हजार करोड़ रुपए के नुकसान की आशंका है. हालांकि वास्तविक नुकसान के आकलन के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की है. यह कमेटी नुकसान का सही आकलन करेगी. फिलहाल मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रारंभिक अनुमान के मुताबिक हिमाचल को तीन हजार करोड़ रुपए से चार हजार करोड़ रुपए तक के नुकसान की बात कही है. आज हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू मंडी और कुल्लू जाकर नुकसान का जायजा लेंगे.
Today, I am
visiting the flood affected area of District Mandi and Kullu to
personally access the damage caused to human life and property by flash
floods and heavy rains.
PM मोदी से भी की बात
प्रदेश भर में मंगलवार को भी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. हालांकि 12 जुलाई के बाद मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है. अभी भी लोगों से गैर जरूरी होने पर यात्रा न करने की अपील की गई है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से भी बात की है. केंद्र सरकार की ओर से हिमाचल प्रदेश को हर संभव मदद देने का आश्वासन मिला है. इस बीच हिमाचल प्रदेश इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग उठा रहा है, ताकि नुकसान की भरपाई केंद्र सरकार की ओर से मिलने वाले फंड से हो सके.