भारत में कोरोना की दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर को लेकर लोग काफी भयभीत हैं। कोरोना संक्रमण के नए वैरिएंट डेल्टा ने विशेषज्ञों और सरकार की चिंता बढ़ा दी है। डेल्टा प्लस वेरिएंट के उभार ने एक बार फिर भारत से लेकर दुनियाभर कि सरकारों और विशेषज्ञों को चिंता में डाल दिया है। डेल्टा प्लस वेरिएंट डेल्टा का म्यूटेशन से आया है। डेल्टा को भारत में दूसरी लहर में तबाही के लिए जिम्मेदार माना जाता है।
डेल्टा प्लस वेरिएंट के केस 11 देशों में मिल चुके हैं और यह अल्फा की तुलना में 35-60 फीसदी अधिक संक्रामक है। कोविड-19 टीकाकरण करवाने के बावजूद संक्रमण की चपेट में वाले अधिकांश मामलों में संक्रमण की वजह कोरोना वायरस का डेल्टा स्वरूप है।
एक नए अध्ययन से पता चलता है कि यदि कोई शख्स डेल्टा वैरिएंट समान मात्रा में कोरोना वायरस पैदा करते हैं चाहे किसी शख्स का टीकाकरण हुआ हो या नहीं। महाराष्ट्र, केरल समेत कुछ राज्यों में इस वैरिएंट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस वैरिएंट के कई मामले सामने आ चुके हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी के एक वैज्ञानिक जेरोमी थंगराज ने बताया कि स्टडी के दौरान पाया गया कि टीकाकरण के बाद भी लोग संक्रमित थे।