पिछले कुछ दिनों से देश में दो शब्दों ने मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक गहमागहमी बढ़ा दी है। इस पर सोशल मीडिया पर तो खूब चर्चा हो ही रही है।
महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री सतेज पाटिल ने सोमवार को पुलिस को “बुली बाई” ऐप के डेवलपर्स के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था जिसके बाद इस मामले में ये पहली बड़ी कार्रवाई है।
मुंबई पुलिस साइबर सेल ने ‘बुली बाई’ ऐप मामले में बेंगलुरु से जिस 21 वर्षीय आरोपी को पकड़ा है वह एक इंजीनियरिंग छात्र है। गिरफ्तारी के बाद महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री सतेज पाटिल ने कहा, “मुंबई पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है।
हालांकि हम इस समय विवरण का खुलासा नहीं कर सकते क्योंकि इससे चल रही जांच में बाधा आ सकती है, मैं सभी पीड़ितों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम अपराधियों का लगातार पीछा कर रहे हैं और वे जल्द ही कानून का सामना करेंगे।”
‘बुली बाई’ ऐप मामले पर मुंबई पुलिस ने बेंगलुरु से हिरासत में लिए गए संदिग्ध की उम्र के अलावा उसकी पहचान का खुलासा नहीं किया है। पुलिस ने अज्ञात अपराधियों के खिलाफ आईपीसी और आईटी एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। बता दें कि बुल्ली बाई ऐप गूगल प्ले स्टोर या ऐप स्टोर पर नहीं मिलता।
यह गिटहब नाम के प्लेटफॉर्म पर मौजूद है। आसान शब्दों में कहें तो यहां मुस्लिम महिलाओं की बोली लगाई जा रही थी। Github एक ओपन-सोर्स प्लेटफॉर्म है, जो यूजर्स को ऐप्स बनाने और साझा करने की अनुमति देता है।
आरोप लगाया जा रहा है कि इस ऐप के जरिये मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाया जा रहा है, उनकी तस्वीरों की बोली लगाई जा रही है और उन पर अभद्र और गंदी टिप्पणी की जा रही है। जब आप इस ऐप को ओपन करते हैं तो स्क्रीन पर मुस्लिम महिलाओं का चेहरा नजर आता है, जिसे बुल्ली बाई नाम दिया गया है।
इसमें उन मुस्लिम महिलाओं का नाम यूज किया जा रहा है जो सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं। इन मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों को प्राइसटैग के साथ साझा किया गया है। यही नहीं, बुल्ली बाई नाम के एक ट्विटर (Twitter) हैंडल से इसे प्रमोट भी किया जा रहा था।
इस हैंडल पर मुस्लिम महिलाओं को बुक करने की भी बात लिखी गई थी। हालांकि भारत सरकार के दखल के बाद अब इस ऐप और इस ट्विटर हैंडल को हटा दिया गया है।