3 अप्रैल को पाक नेशनल असेंबली में इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सोमवार 28 मार्च को पेश किया गया था। प्रस्ताव को विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ ने नेशनल असेंबली में पेश किया था, जिन्होंने नेशनल असेंबली के सभी सदस्यों को बुलाया था। इसपर 31 मार्च को बहस होगी। प्रस्ताव पेश होने के बाद संसद की कार्यवाही 31 मार्च की शाम चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

नेशनल असेंबली में नेता प्रतिपक्ष शाहबाज शरीफ ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव पर 31 मार्च को चर्चा होगी। वहीं वोटिंग 3अप्रैल को कराई जा सकती है। अविश्वास प्रस्ताव को सफल बनाने के लिए विपक्ष को कम से कम 172 सांसदों के वोट चाहिए।

इमरान खान के खिलाफ़ आज पेश हुए अविश्वास प्रस्ताव को विपक्ष के 161 सांसद फिलहाल समर्थन दे रहे हैं। इस बीच, पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री शेख राशिद के अनुसार इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार के भाग्य का फैसला 4 अप्रैल को होगा, जब अविश्वास पर मतदान होगा। 8 मार्च को पाकिस्तान के मुख्य विपक्षी दलों ने पाकिस्तान के पीएम के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दायर किया है।

चूंकि 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में पीटीआई के केवल 155 सदस्य हैं, इसलिए सरकार का अस्तित्व एमक्यूएम-पी (7 सीटें), बीएपी (5 सीटें), पीएमएल (क्यू) (5 सीटें), जीडीए (3 सीटें), एएमएल (1 सीट), जेडब्ल्यूपी (1 सीट) और 2 निर्दलीय जैसे सहयोगियों के समर्थन पर निर्भर करता है।

इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार को गिराने के लिए विपक्ष को 342 में से कम से कम 172 वोट हासिल करने हैं, जिसमें से उसके पास पहले से ही 162 सीटें है। उसके कई सहयोगी पहले से ही संयुक्त विपक्ष की ओर झुक रहे हैं।

प्रस्ताव में पीटीआई सरकार के खिलाफ वोट करने के लिए पीएमएल (एन) और इमरान खान की सहयोगी पीएमएल (क्यू) के बीच 26 मार्च को बातचीत हुई थी। सहयोगी के साथ संबंधों को बचाने के लिए, इमरान खान को पंजाब के सीएम पद की पेशकश पीएमएल (क्यू) के परवेज इलाही को करने की उम्मीद है।

पाकिस्तान के पंजाब के सीएम उस्मान बुजदार के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है, जो इमरान की पीटीआई के सदस्य हैं।

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