एयर इंडिया को इस सप्ताह के अंत तक टाटा समूह को सौंपा जा सकता है। वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
सरकार ने एक प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के जरिये पिछले साल आठ अक्टूबर को टाटा संस की एक कंपनी की तरफ से लगाई गई बोली को स्वीकार कर एयर इंडिया के अधिग्रहण को मंजूरी दी थी।
एयर इंडिया के साथ उसकी किफायती विमान सेवा एयर इंडिया एक्सप्रेस की भी शत-प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री की जाएगी। साथ ही उसकी ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी एआईएसएटीएस की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी टाटा समूह को दी जाएगी।
उस समय सरकार की तरफ से कहा गया था कि इस अधिग्रहण से जुड़ी औपचारिकताओं को दिसंबर के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा, हालांकि बाद में इसमें देरी हुई।
सरकार ने 25 अक्टूबर को 18,000 करोड़ रुपये में एयर इंडिया की बिक्री के लिए टाटा संस के साथ खरीद समझौता किया था। टाटा सौदे के एवज में सरकार को 2,700 करोड़ रुपये नकद देगी और एयरलाइन पर बकाया 15,300 करोड़ रुपये के कर्ज की देनदारी लेगी।
एयर इंडिया वर्ष 2007-08 में इंडियन एयरलाइंस के साथ विलय के बाद से ही लगातार घाटे में चल रही थी। गत 31 अगस्त को उस पर कुल 61,562 करोड़ रुपये का बकाया था।
मिली जानकारी के मुताबिक एयर इंडिया के अलग-अलग ग्रुप के कई अधिकारी को टाटा इथोस और वर्क कल्चर आदि की ट्रेनिंग दी जाएगी। एयर इंडिया के कुछ डिपार्टमेंट के अधिकारी यह ट्रेनिंग लेंगे और उसके बाद वह अपने सहकर्मियों को इस बारे में जानकारी देंगे।
बता दें कि कोरोना के कारण पूरी दुनिया में एविएशन सेक्टर पर बुरा असर हुआ है। इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) की रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में ग्लोबल एविएशन सेक्टर को 138 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था।
2021 में इसे घटकर 52 बिलियन डॉलर रहने का अनुमान लगाया गया है। 2022 में यह घटकर 12 बिलियन डॉलर रह जाएगा। कुल मिलाकर इस महामारी के कारण एविएशन सेक्टर को 200 बिलियन डॉलर से ज्यादा का नुकसान होगा। 2023 से इस सेक्टर के प्रॉफिट में आने की पूरी संभावना है।