एक बार फिर नीतीश कुमार की सरकार का गठन हो गया है। 16 अगस्त को बिहार के राज्यपाल ने आरजेडी के 16, जेडीयू के 11, कांग्रेस के दो, हम के एक और एक निर्दलीय विधायक को मंत्री पद की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण सामरोह में सबकी नज़र बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप के शपथ ग्रहण पर भी थी।

आखिर क्या है मामला
बात साल 2015 की है। जदयू और राजद के महागठबंधन ने बिहार विधानसभा चुनाव में बंपर जीत दर्ज की थी। जब नई सरकार के मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह हुआ तब तेजप्रताप यादव ने भी मंत्रीपद की शपथ ली थी। हालांकि, शपथ ग्रहण के दौरान उनकी किरकिरी तब हुई जब उन्होंने अपेक्षित शब्द को उपेक्षित पढ़ दिया था। बिहार के तत्कालीन राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने मंच पर तुरंत ही तेजप्रताप यादव को टोक दिया। उन्होंने तेजप्रताप को अपेक्षित शब्द को ठीक से पढ़ने को कहा। तेजप्रताप जब इसे ठीक से पढ़ने लगे तो राज्यपाल ने उनसे शपथ पत्र को फिर से पूरा पढ़ने को कहा। इसके बाद तेजप्रताप यादव को फिर से शपथ लेनी पड़ी थी। उन्होेंने शपथ ठीक से पढ़ तो दी लेकिन ये मामला लोगों में चर्चा का विषय बन चुका था। कोई इस सामान्य गलती बता रहा था। तो वहीं, कई उनकी शिक्षा पर भी सवाल खड़े कर रहे थे।