आज विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जा रहा है. यह हर साल 11 जुलाई को एक खास थीम के साथ मनाया जाता है. दुनिया में तेजी से बढ़ रही जनसंख्या हम सभी के लिए चिंता का विषय है. दुनिया भर में सबसे ज्यादा लोग चीन में रहते हैं उसके बाद भारत की आबादी है. लगातार बढ़ रही आबादी विकास में बाधक है. जनसंख्या वृद्धि के लिए गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी और अशिक्षा प्रमुख कारण माना जाता है. लोगों को जागरुक करने के लिए दुनिया भर में 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है. इस अवसर पर कई कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं.
हर साल 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस (World Population Day 2022) मनाया जाता है. इस दिन को जनसंख्या नियंत्रण के उद्देश्य से मनाया जाता है. लगातार बढ़ रही जनसंख्या एक गंभीर चिंता का विषय है. बढ़ती जनसंख्या के कारण भुखमरी, गरीबी, अशिक्षा और बेरोजगारी जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं
विश्व जनसंख्या दिवस क्यों मनाया जाता है?
11 जुलाई 1987 को पृथ्वी की जनसंख्या 5 अरब पहुंच चुकी है। इस विशेष दिन को मनाने के लिए 1989 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की परिषद ने जनसंख्या के मुद्दे पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित करने के लिए हर साल 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के रूप में नामित किया
विश्व जनसंख्या दिवस मनाने की शुरुआत कब की गई थी?
साल 1987 में जब विश्व की कुल जनसंख्या पांच अरब के ग्राफ को भी क्रॉस कर गई, तब संयुक्त संघ ने चिंता जताई. और तमाम देशों के सुझाव और सहमति के बाद 11 जुलाई 1989 को पहली बार विश्व जनसंख्या दिवस मनाया गया.
1800 में भारत की जनसंख्या कितनी है ?
यहां जानना दिलचस्प होगा कि 1801 में भारत (उस जमाने के भारत में अब के पाकिस्तान और बांग्लादेश भी शामिल थे) की कुल आबादी 20 करोड़ से कम थी। यानी 1801 से लेकर 1901 के बीच भारत की आबादी महज 3 करोड़ बढ़ी, जबकि अगली सदी यानी 1901 से 2001 के बीच यह 77 करोड़ बढ़ी।
जनसंख्या वृद्धि के प्रभाव
अनपढ़ लोगों की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है। इसलिए बेरोजगारी दर लगातार बढ़ती ही जा रही है। जनशक्ति का उपयोग: भारत में बेरोजगारों की बढ़ती संख्या के चलते आर्थिक मंदी, व्यापार विकास और विस्तार गतिविधियां धीमी होती जा रहीं हैं।
विश्व जनसंख्या दिवस 2022 की थीम
जैसा कि थीम से ही स्पष्ट हो रहा है कि दुनिया की आबादी 8 अरब पहुंच गई है. हम सभी को जनसंख्या पर नियंत्रण करना चाहिए, इस साल यानी 2022 की की थीम है, “आठ बिलियन की दुनिया: सभी के लिए एक लचीला भविष्य की ओर – अवसरों का दोहन और सभी के लिए अधिकार और विकल्प सुनिश्चित करना है”.