केस्को कर्मी रमेश चंद्र चार भाइयों में तीसरे नंबर के हैं। चारों भाई कानपुर में अलग-अलग मकान हैं। सभी भाइयों के बीच संबंध भी बेहतर हैं। गांव में कुल 22 बिस्वा भूमि है। गांव स्थित पैतृक घर गिरा पड़ा हुआ है। भूमि में चारों भाइयों का हिस्सा है। दो भाई प्यारेलाल व मेवालाल दरोगा से रिटायर्ड हो चुके हैं और सबसे छोटा भाई सुरेश सीतापुर में सिपाही के पद पर तैनात है। तीसरे नंबर के भाई रमेश चंद्र केस्को में नौकरी करते हैं और गांव में भी सबसे अच्छा व्यवहार कायम है।
रमेश चंद्र का इकलौता बेटा गोविंद था। बहन निशा की अप्रैल में इंगेजमेंट हुई थी और 09 नवंबर को शादी होनी तय हुई थी। चारों भाईयों के बीच में 22 बिस्वा भूमि की देखरेख चचेरा भाई राजेश करता है। चचेरे भाई गांव में रहते हैं। घर पर रमेशचंद्र का टूटा मकान है। राजेश खेती किसानी के अलावा इंडियन बैंक की ग्राहक सेवा केंद्र चलाते हैं और इनके छोटे भाई राम खेलावन गांव में परचून की दुकान तथा इनकी पत्नी शिक्षिका है। गोविन्द के मौसिया गुरु प्रसाद अचलगंज क्षेत्र के सैदपुर और मामा गब्बार उर्फ महेश प्रसाद अचलगंज के राज बहादुर खेड़ा गांव के रहने वाले हैं।

वारदात की रात गोविन्द की चचेरे भाई से भी हुई थी बातचीत
शुक्रवार रात गोविन्द की उसके चचेरे भाई करन से भी फोन पर बातचीत हुई थी। गोविन्द ने करन से कहा था कि उसे आने में देर हो जाएगी। कुछ काम में फंसने से दिक्कत आ गई है। करन ने पूछताछ की तो गोविन्द ने कहा कि घर आने पर बताऊंगा।
गोविंद से तीन बार में निकलवाए थे रुपये
शुक्रवार रात अपहरणकर्ताओं ने गोविन्द को कार से लाकर शहर के सिविल लाइन स्थित इंडीकैश व एचडीएफसी एटीएम से रुपये निकलवाए। एक बार में पांच सौ रुपए और एक बार 10 हजार और एक बार 9500 रुपए निकाला।

कानपुर पुलिस ने उन्नाव पुलिस से नहीं मांगा सहयोग
उक्त हत्याकांड में कानपुर पुलिस खुलासा करने में उन्नाव पुलिस से कोई सहयोग नहीं ले रही है। रविवार व सोमवार दो दिनों से कानपुर के कई थानों की पुलिस शहर के सिविल लाइन स्थित मकान पर आकर छानबीन कर चुकी है मगर अभी तक कानपुर की पुलिस ने उन्नाव पुलिस से सम्पर्क नहीं किया और न छानबीन की जानकारी ही दी। सीओ सिटी आशुतोष कुमार ने कहा कि कानपुर पुलिस सहयोग मांगेगी तो अवश्य देगी। मगर वारदात कानपुर देहात से संबंधित है। इसीलिए उन्नाव पुलिस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।