जनपद उन्नाव में वित्तीय अनियमितता और मनमाफिक कार्यशैली के आरोप में एक ग्राम विकास अधिकारी को जिला विकास अधिकारी ने निलंबित कर दिया है। सचिव पर लगे आरोपों की जाँच के लिए सुमेरपुर ब्लॉक के खंड विकास अधिकारी को जाँच दी गई है। निलंबन अवधि तक सचिव को पुरवा ब्लॉक से सम्बद्ध किया गया है तो वही लगातार अभियान चलाकर ऐसे अधिकारियों के खिलाफ जाँच की जा रही है। ग्राम पंचायत बहरौरा बुजुर्ग में संचालित अस्थाई गौवंश आश्रय स्थल का बीडीओ ने निरीक्षण किया था। यहाँ पर 32 गोवंशों पाए गए थे जबकि सचिव द्वारा 45 गौवंशों के लिए भूसा चारा की धनराशि की माँग और उपभोग प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया था। जिसमें 16 गोवंशों के चारे की धनराशि के गबन किए जाने की वित्तीय अनियमितता बरतने का आरोप है।
विभिन्न कार्यो में पाई गई थी लापरवाही
आवंटित ग्रापं धीनाखेड़ा के विभिन्न मजरों से साफ-सफाई, विकास कार्यो आदि का निस्तारण न करने के साथ ऊंचगांव किला, भूलेमऊ, बहरौरा बुजुर्ग एवं मुरैता प्राची आदि ग्रापं में पूर्व प्रधानों द्वारा कराए गए कार्यो के भुगतान एक साल से अधिक समय बाद भी न किए जाने का आरोप है। क्लस्टर का आवंटन होने के बाद भी पंचायतों का चार्ज नवनियुक्त सचिव को न दिए जाने, शासकीय अभिलेख अनाधिकृत रूप से अपने पास रखने, उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने के आरोपों पर पुरवा ब्लॉक में तैनात ग्राम विकास अधिकारी धीरेन्द्र कुमार को निलंबित कर पुरवा ब्लॉक से सम्बद्ध कर दिया गया है।
एक दिन पहले पाँच बीडीओ हो चुके हैं निलंबित
जनपद उन्नाव में बीते एक दिन पहले प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लापरवाही पाई गई थी। जिसमें मुख्य विकास अधिकारी दिव्यांशु पटेल ने पाँच अलग-अलग ब्लॉक के ग्राम विकास अधिकारी को कार्य में लापरवाही पाए जाने पर उन्हें निलंबित कर दिया था। सभी बीडीओ के खिलाफ विभागीय जाँच की कार्यवाही भी चल रही है।