25 मई घरेलू बाजार में चीनी की उपलब्धता बढ़ाने और मूल्यवृद्धि पर अंकुश लगाने के लिए सरकार द्वारा एक जून से चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के एक दिन बाद बुधवार को चीनी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई। गेहूं के बाद अब भारत सरकार गेहूं के निर्यात को मुक्त से प्रतिबंधित श्रेणी में डाल दिया है।
जैसी की आशंका जताई जा रही थी, स्थानीय स्तर पर कीमतों में वृद्धि को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने आज चीनी निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया। बता दें कि सरकार ने चीनी के निर्यात पर एक जून से पाबंदी लगा दी है।
इसका उद्देश्य घरेलू बाजार में इसकी उपलब्धता बढ़ाना और कीमत में बढ़ोतरी को रोकना है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने एक नोटिफिकेशन में कहा, ‘‘चीनी का निर्यात 1 जून, 2022 से प्रतिबंधित कैटेगरी में रखा गया है।’’
इससे पहले ऐसी कयास लगाई जा रही थीं कि केंद्र इस तरह के कदम की योजना बना रहा है। छह साल में यह पहली बार है जब भारत ने चीनी निर्यात को प्रतिबंधित किया है। बता दें, भारत दुनिया में चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक है और ब्राजील के बाद दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है।
विशेषज्ञों के अनुसार, भारत के इस कदम से दुनिया भर में कीमतों पर असर पड़ने की संभावना है। भारत का प्रतिबंध यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर कई अन्य सरकारों द्वारा शुरू किए गए कदमों के समान है, जिसके कारण कई हिस्सों में खाद्य कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई है।
जैसे मलेशिया ने 1 जून से चिकन निर्यात पर रोक, इंडोनेशिया के हालिया पाम तेल निर्यात प्रतिबंध और भारत के गेहूं निर्यात प्रतिबंध शामिल हैं।