सरकार ने ट्रैफिक को लेकर नया नियम लागू कर दिया है। अब ट्रैफिक पुलिस आपको बेवजह रोककर परेशान नहीं कर सकेगी, न ही बेवजह आपकी गाड़ी की चेकिंग कर सकेगी।
इसके लिए आदेश भी जारी किया जा चुका है। पुलिसकर्मी सिर्फ निगरानी करेगा और इस बात पर फोकस करेगा कि यातायात सामान्य रूप से चलता रहे।
वह किसी गाड़ी को तभी रोकेंगे, जब उससे ट्रैफिक की गति पर असर पड़ रहा हो। आमतौर पर यह देखा जाता है ट्रैफिक पुलिस सिर्फ शक के आधार पर कहीं भी वाहनों को रोककर चेकिंग करने लगती है।
इससे वहां का यातायात प्रभावित होता है। बहुत बार ऐसा देखा गया है कि ट्रैफिक पुलिस किसी भी गाड़ी को देखकर शक के आधार पर उसे रोककर चेकिंग करना शूरू कर देते है।
यहीं नहीं उनके बूट और गाड़ी के अंदर की जांच करने लग जाते हैं। जिसके चलते सड़का ट्रेैफिक पर बुरा असर पड़ता है। सर्कुलर में ये कहा गया है कि अगर मोटर चालक यातायात नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, तो उन्हें ट्रैफिक पुलिस वाहन अधिनियम के प्रावधानों के तहत आरोपित ठहरा सकती है।
लेकिन उन्हें गाड़ियों की जांच में शामिल नहीं होना चाहिए। यातायात पुलिस और स्थानीय पुलिसकर्मियों की ओर से संयुक्त नाकाबंदी के दौरान यातायात पुलिस केवल यातायात उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई करेगी और वाहनों की जांच नहीं करेगी।
अगर इन निर्देशों को सख्ती से लागू नहीं किया जाता है, तो संबंधित यातायात चौकी के वरिष्ठ निरीक्षक को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।