उन्नाव:- जनपद उन्नाव के नगर पालिका का खजाना खाली हो गया है और अब वेतन के लाले पड़े हुए हैं ऐसे में नगर पालिकाध्यक्ष ने 300 आउटसोर्सिंग सफाई कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है और सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी 274 संविदा व स्थायी सफाई कर्मियों पर आ गई है। ऐसे में उन्नाव नगर में हर दिन 48 मैट्रिक टन कूड़ा निस्तारण को लेकर पालिका प्रशासन के सामने अब बड़ी चुनौती आ गई हैं इसके साथ ही साथ शहर की सफाई व्यवस्था लड़खड़ाने लगी है। उन्नाव नगर पालिका प्रशासन को हर माह 2.75 करोड़ रुपये वेतन, मानदेय व पेंशन वितरण के लिए जरूरत होती है। अक्तूबर 2021 से हर माह 1.85 करोड़ रुपया ही मिलने के कारण आउटसोर्सिंग पर रखे गए 300 सफाई कर्मचारियों को छह माह से मानदेय नहीं मिल रहा था। इसी वजह से 100 आउटसोर्सिंग कर्मी हर दिन काम से नदारत रहते थे। ऐसे में नगर पालिका प्रशासन ने बढ़ रहे बजट के भार को कम करने के लिए सभी 300 आउटसोर्सिंग सफाई कर्मियों की छुट्टी कर दी है और नगर पालिकाध्यक्ष ऊषा कटियार ने निर्देश पर मोहर लगा दी है।
अधिकारियों और माननीयों को लगेगा झटका
जनपद उन्नाव के अधिकारियों और माननीयों ने भी अपने आवासों पर आउटसोर्सिंग और कुछ स्थायी सफाई कर्मियों को निजी काम में लगा रखा है और अब नए परिवर्तन से सभी को झटका लगना तय है। आउटसोर्सिंग सफाईकर्मियों को अक्तूबर 2021 से मानदेय नहीं मिला है। इनके मानदेय के भुगतान में हर महीने करीब 21 लाख रुपये का खर्च आता था। इस तरह छह महीने में 1.26 करोड़ रुपया बकाया है जोकि पालिका के लिए अब बचत का तरीका होगा। अबतक वार्डों में 15 सफाई कर्मी लगाए गए थे लेकिन आउटसोर्सिंग सफाई कर्मचारियों के बाहर होने के बाद अब हर वार्ड में छह सफाई कर्मचारी तैनात होंगे। यह सुबह पांच बजे से साफ सफाई में जुटेंगे वहीं दस गैंग बनाए जाएंगे जिसमें तीन-तीन सफाईकर्मी होंगे जोकि उन्नाव शहर की मुख्य सड़कों की सफाई करेंगे। अभीतक आउटसोर्सिंग सफाई कर्मी काम पर लगे थे जो हर दिन 30 मैट्रिक टन से अधिक कूड़ा नहीं उठ पाते थे। शहर में हर दिन 48 मैट्रिक टन कूड़ा घरों से निकलता है और अब सफाई कर्मचारियों की संख्या घटा दी गई है तो 30 मैट्रिक टन कूड़ा शायद ही उठ सके। इस कारण शहर में और भी गंदगी अब देखने को मिलेगी।
बोले जिम्मेदार:-
नगर पालिका अध्यक्ष ऊषा कटियार ने बताया कि बजट न होने से आउटसोर्सिंग के सफाई कर्मचारियों को हटाया जा रहा है। अभीतक 300 आउटसोर्सिंग सफाईकर्मी काम कर रहे थे। अब संविदा और स्थायी कर्मचारियों पर सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी होगी।
एसडीएम/प्रभारी ईओ सत्यप्रिय सिंह ने बताया कि नगर पालिका के पास जो भी स्थायी और संविदाकर्मी हैं। उन्हीं से शहर और सभी 32 वार्डों की साफ-सफाई कराई जाएगी। जो कर्मचारी किसी अन्य कार्य या अन्य स्थानों पर अटैच हैं उन्हें भी मूल कार्य में लगाया जाएगा।