योगी पश्चिमी यूपी में प्रत्याशियों की सूची को लेकर लगातार सपा पर निशाना साध रहे हैं। वह अपनी हर सभा में कैराना और मुजफ्फरनगर का जिक्र कर रहे हैं। दरअसल, सपा ने कैराना से पलायन मामले में आरोपी रहे नाहिद हसन को टिकट दिया है। नाहिद को पिछले दिनों ही पुलिस ने गैंगस्टर के एक पुराने मामले में गिरफ्तार किया है।
योगी आदित्यनाथ ने रविवार (30 जनवरी, 2022) को हापुड़ में मतदाता संवाद कार्यक्रम को सम्बोधित किया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश को साधने के लिए वहाँ उन्होंने मतदाताओं से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने कहा, “ये गर्मी जो अभी कैराना में और मुजफ्फरनगर में कुछ जगह दिखाई दे रही है न… मैं मई और जून की गर्मी में भी ‘शिमला’ बना देता हूँ।
CM योगी ने कहा कि 10 मार्च, 2022 को चुनाव परिणाम आने के साथ ही ये गर्मी भी शांत हो जाएगी।
हापुड़ के पिलखुआ में ये कार्यक्रम आयोजित था। उनके बयान के बाद प्रदेश में सियासी सरगर्मी तेज़ हो गई है।उन्होंने कहा कि कैराना से पलायन करने वाले व्यापारियों और नागरिकों को वापिस उनके घरों व प्रतिष्ठानों में लाने का कार्य दिखाता है कि सरकार अपराधियों-गुंडों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करती है।
ये गर्मी जो अभी कैराना में और मुजफ्फरनगर में कुछ जगह दिखाई दे रही है न…
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 30, 2022
…मैं मई और जून की गर्मी में भी 'शिमला' बना देता हूं… pic.twitter.com/NoHJIxBLG9
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने खुर्जा के कोविड अस्पताल का निरीक्षण किया और पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में कोरोना प्रबंधन को विश्व में सराहा जा रहा है।
सपा बसपा पर प्रहार करते हुए योगी ने कहा कि इन दोनों की सरकारों में गुंडों और माफिया का प्रदेश में साम्राज्य था, लेकिन भाजपा की प्रदेश सरकार ने इन अपराधियों को जेल दिखाया। योगी ने कहा कि गरीबों की जमीनों पर किए गए अवैध कब्जे तथा निर्माण को बुलडोजर से ध्वस्त कराया गया।
बता दें कि कैराना में हिन्दुओं के पलायन की खूब चर्चा हुई थी, लेकिन सीएम योगी के शासनकाल में कई हिन्दू वापस लौटे हैं और हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उनसे मुलाकात भी की थी।
कई विपक्षी नेता धमकी भरे बयान दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आज का बयान उनलोगों के लिए ही था। उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी से ही मतदान शुरू होना है, ऐसे में प्रचार-प्रसार जोरों पर है। कोरोना के कारण चुनावी रैलियों पर प्रतिबंध है, लेकिन नेता जनसम्पर्क अभियान चला सकते हैं। भीड़ न जुटाने का निर्देश दिया गया है।