अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ उनके 1947 में भारत की आजादी को ‘भीख’ बताने वाले बयान को लेकर यूपी में मुकदमा दर्ज करा दी गई है। यूपी के जौनपुर जिले में अधिवक्ता विकास तिवारी ने एसीजेएम तृतीय की कोर्ट में कंगना रनौत के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दायर किया है।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (डीएसजीएमसी) ने सोमवार को पुलिस में दी गई शिकायत में कहा था कि कंगना रनौत ने जानबूझकर और इरादतन किसानों के विरोध (किसान मोर्चा) को खालिस्तानी आंदोलन के रूप में चित्रित किया और सिख समुदाय को खालिस्तानी आतंकवादी भी करार दिया।
इसमें दावा किया गया कि उन्होंने 1984 और उससे पहले हुए नरसंहार को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ओर से एक सुनियोजित कदम के रूप में बताया। कोर्ट ने मुकदमे की सुनवाई के लिए 29 नवंबर की तारीख तय की है। विकास तिवारी ने कोर्ट में अधिवक्ता अवधेश तिवारी व अवनीश चतुर्वेदी के माध्यम से कंगना रनौत के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
उन्होंने कंगना के खिलाफ आरोप लगाया कि 11 नवंबर 2021 को 9:00 बजे सुबह परिवादी ने विभिन्न समाचार पत्रों चैनलों और सोशल मीडिया पर देखा सुना व पढ़ा कि कंगना ने 1947 से मिली देश की आजादी को भीख बताया है। कंगना ने यह भी कहा कि भारत देश को असली आजादी 2014 में मिली है।
पुलिस ने बताया कि अभिनेत्री के खिलाफ धारा 295 ए (किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक आस्था का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य करना) और भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
कंगना रनौत किसान आंदोलन को लेकर लगातार तीखी प्रतिक्रिया देती रही हैं। उनकी बयानबाजी को लेकर 20 नवंबर को कांग्रेस की युवा इकाई के राष्ट्रीय सचिव अमरीश रंजन पांडे और संगठन के विधि प्रकोष्ठ के सह-समन्वयक अंबुज दीक्षित ने दिल्ली में अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और आरोप लगाया है कि कंगना की हालिया टिप्पणियां ‘राजद्रोह’ के दायरे में आती हैं।