मुरादाबाद के सपा सांसद डा. एसटी हसन ने द कश्मीर फाइल्स फिल्म को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि द कश्मीर फाइल्स के बहाने देश में नफरत फैलाने की कोशिश की जा रही है। इस तरह नफरत फैलाने वाली फिल्म नहीं बननी ही चाहिए। यह सब होता रहा तो जल्द ही गुजरात और मुरादाबाद के दंगों पर भी फिल्म बनेगी।
विवेक अग्निहोत्री द्वारा निर्देशित फिल्म द कश्मीर फाइल्स जब से रिलीज हुई है, तभी से इसको लेकर रोकने की तमाम कोशिशें की जा रही है। बड़ी तादाद में मुस्लिम समुदाय के लोग कह रहे हैं कि ये फिल्म साम्प्रदायिक सद्भाव को नुकसान पहुँचा रही है।
इसी कड़ी में अब समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और लोकसभा सांसद एसटी हसन का नाम जुड़ गया है। बता दें कि हाल ही में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने इस फिल्म पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि लखीमपुर फाइल्स भी बनानी चाहिए।
इसके बाद अब सपा सांसद एसटी हसन ने कहा है कि इस फिल्म पर रोक लगाई जानी चाहिए। मुरादाबाद से एसटी हसन ने कहा कि, ‘कश्मीरी पंडितों का दर्द हमारे दिल में भी है। अपने ही देश में वह रिफ्यूजी हो गए हैं, मगर इसको इतना हाइलाइट करना हमारी गंगा जमुनी तहजीब को तोड़ने का कार्य करती है।
नफरतों को बढ़ावा देती है इसलिए इस पर रोक लगाई जानी चाहिए। यदि इस फिल्म को इजाजत दी गई तो कल मुरादाबाद, भागलपुर और गुजरात पर भी फिल्म बन सकता है। ये सिलसिला कब खत्म होगा।’ सपा सांसद ने ये भी कहा कि यदि दो समुदायों के बीच नफरत की सौदागिरी आरंभ हो गई तो हिंदुस्तान कहाँ जाएगा?
कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की माँग करते हुए हसन ने फिल्म पर तत्काल रोक लगाने की माँग सरकार से की। उन्होंने कहा कि सरकार से हमारी मांग है कि कश्मीरी पंडितों को जल्द से जल्द पुनर्स्थापित किया जाए, उनको उनके घरों तक जल्द पहुंचाया जाए।
उनकी हिफाजत की की जाए और ऐसी तमाम फिल्में जो नफरत पैदा करती हैं, उनपर बैन लगाया जाए। सपा सांसद के अनुसार, अभी सिर्फ दो समुदायों के बीच सिनेमाघरों में लड़ाइयाँ हो रही हैं, मगर इससे कितनी नफरत बढ़ रही है।
यदि आप सपा सांसद एसटी हसन के बयान को गौर से देखें तो आप पाएंगे, कि सपा सांसद ने कहीं भी यह नहीं कहा कि इस फिल्म की कहानी झूठी है। यहाँ तक कि उन्होंने खुद कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की मांग भी की है। मतलब वे भी मानते हैं कि कश्मीर से हिन्दुओं का पलायन हुआ था, लेकिन फिर भी इसे बैन करने की मांग कर रहे हैं।