राज्य में लगातार कारोबारियों पर दबिश दी जा रही है. वहीं अब आईटी विभाग ने एक पान मसाला समूह के संस्थान पर छापेमारी की है। हिंदुस्तान में छपी खबर के मुताबिक आयकर विभाग ने रेड के बाद गुरुवार को एक बड़े परफ्यूम कारोबारी को भी हिरासत में लिया।
डीजीआई (डायरेक्टर जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस) की टीम ने कारोबारी के सात ठिकानों पर छापा मारा और इसमें करीब 150 करोड़ की अघोषित रकम का खुलासा हुआ है। साथ ही छापों के दौरान एक अहम डायरी भी बरामद हुई है जिसमे रिश्वत लेनदेन का ब्यौरा है। आयकर विभाग की रिपोर्ट के बाद इस मामले में मनी लांड्रिग एक्ट फेमा समेत बेनामी संपत्ति एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज हो सकते हैं।
साथ ही इन छापों से समाजवादी पार्टी के आलाकमान तक जांच की आंच पहुंच सकती है। आयकर विभाग ने पिछले सप्ताह समाजवादी पार्टी के कई करीबी लोगों और नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी की थी इनमें पार्टी के प्रवक्ता राजीव राय समेत अखिलेश मुलायम के करीबी कहे जाने वाले जेनेन्द्र यादव मनोज यादव, राहुल भसीन, जगत सिंह आदि के नाम शामिल थे।

आयकर विभाग ने ये छापेमारी लगभग 200 करोड़ रुपये की कर चोरी के आरोप मे की थी लेकिन जैसे ही छापेमारी का पहला दौर खत्म हुआ कई बड़े खुलासे हुए हैं जिसमें सबसे बड़ा खुलासा यह है कि अब तक की जांच के दौरान 800 करोड़ रुपये की कर चोरी घोटाले का पता चला है।
आयकर विभाग को 90 करोड़ रुपये नकद मिले हैं। आयकर विभाग ने कन्नौज के एक मकान से रुपये जब्त किए हैं और ये मकान परफ्यूम व्यवसायी पीयूष जैन का है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कानपुर में चार नोट गिनने की मशीनों को लाया गया है और टीमें देर रात तक जांच कर रही हैं।
वहीं सीबीआईसी के चेयरमैन विवेक जौहरी ने कहा कि कानपुर में जो दबिश दी गई हैं। उसमें कैश मिला है और अभी जांच जारी है। आयकर विभाग का अधिकारिक तौर पर दावा है कि इस मामले मे जिन भी सपा नेताओं के यहां छापा मारा गया है उनमें से कुछ के पास से करोडों रुपये और कुछ के पास से सैकड़ों करोड़ रूपये घोटाले के दस्तावेज बरामद हुए हैं और उनमें से एक मनोज यादव ने आरंभिक बयानों के दौरान 68 करोड़ रुपये की करचोरी स्वीकार भी कर ली है और उसका जुर्माना देने को भी तैयार हैं।

आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक अखिलेश के करीबी कहे जाने वाले शख्स ने दिल्ली में दो शेल कंपनियां बनाई. इन कंपनियों में 6/6 करोड़ रुपये की रकम थी। आयकर विभाग को छापे के दौरान इन कंपनियों के एड्रेस फर्जी मिले।