उन्नाव:- जनपद उन्नाव में लखनऊ-कानपुर हाईवे किनारे समाजवादी पार्टी की पूर्व विधायक गजाला लारी के पिता मोहम्मद सैयद कुरैशी का पेट्रोल पंप सरकारी भूमि पर बना होने की वजह से जिला प्रशासन हरकत में आया है। अवैध कब्जे की पुष्टि होने के बाद भी कार्यवाही न कर दबाई गई फाइल मीडिया के द्वारा मुद्दा उठाने पर फिर से निकल आई है। जिलाधिकारी के निर्देश पर तहसीलदार और क्षेत्रीय लेखपाल ने जांच की और एसडीएम ने जमीन का सत्यापन किया। एसडीएम ने बताया कि सत्यापन के बाद पैमाइश भी करा ली गई है और उक्त पेट्रोल पंप सरकारी भूमि पर ही बना है और अब कार्यवाही के लिए जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेजेंगे।
जनपद उन्नाव सदर तहसील की कानपुर नगर से सटी ग्राम पंचायत कटरी पीपरखेड़ा और मझरा पीपरखेड़ा एहतमाली में मिलजुमला नंबरों की आड़ में सर्वे राजस्व कर्मियों की मेहरबानी से भू-माफिया सरकारी भूमि पर काबिज हैं। इसमें कटरी पीपरखेड़ा की हाईवे के किनारे की करोड़ों की जमीन को कानपुर के कर्नलगंज थानांतर्गत आराफात हाउस निवासी समाजवादी पार्टी की पूर्व विधायक गजाला लारी के पिता सैयद कुरैशी ने अपने पेट्रोल पंप में शामिल कर लिया था और पूर्व में पैमाइश में पेट्रोल पंप सरकारी जमीन पर मिला था जिसके बाद राजस्व टीम ने पेट्रोल पंप मालिक के खिलाफ गंगाघाट थाने में सर्वे लेखपाल की ओर से मुकदमा दर्ज कराया था इसके साथ ही साथ जिला पूर्ति अधिकारी को पेट्रोल पंप के लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्यवाही का निर्देश दिया था लेकिन एक वर्ष बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई। जिस भूमि पर पेट्रोल पंप बना है उसे राज्य सरकार के खाते में दर्ज किया जा चुका है। तत्कालीन एडीएम राकेश सिंह ने डीएसओ को अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) निरस्त करने की कार्यवाही करने का आदेश दिया था लेकिन कुछ नहीं हुआ। एक प्रमुख अखबार ने 13 अप्रैल के अंक में एक बार फिर सर्वे विभाग के सिंडीकेट की आड़ में सरकारी भूमि पर बने पेट्रोल पंप की भूमि न खाली कराने के मामले का राजफाश करते हुए खबर छापी थी जिसपर जिलाधिकारी ने तहसीलदार सदर अतुल कुमार से पहले हुई पैमाइश का सत्यापन कर रिपोर्ट मांगी थी।
लेखपाल से मिलकर हुआ था पूरा खेल
पहले हुई जांच में यह राजफाश हुआ था कि पेट्रोल पंप मालिक ने सर्वे लेखपाल से मिलकर ग्राम समाज की भूमि संख्या 984-ग, 990, 991-क, 1009 के कुल रकबा 0.9800 हेक्टेयर को खतौनी खाता संख्या 1134 में अपने नाम दर्ज करा लिया। उक्त खाते को वाद संख्या 193 में 15 अप्रैल, 2005 को खारिज करके जमीन ग्राम समाज के खाते में दर्ज कर दी गई लेकिन भूमि खाली नहीं कराई गई।
जनपद के जिलाधिकारी रवींद्र कुमार के अनुसार पैमाइश हो गई है लेकिन अभी रिपोर्ट नहीं मिली है। रिपोर्ट मिलने के बाद विधिक कार्रवाई कर नियमानुसार सरकारी भूमि से कब्जा हटवाया जाएगा।