उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता कल्याण सिंह हमरे बीच नही रहे। कल्याण सिंह का शनिवार शाम लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई अस्पताल में निधन हो गया। उनकी अंतिम यात्रा सुबह 9 बजे अहिल्याबाई होल्कर स्टेडियम से निकली। यहां से उनकी यात्रा अतरौली स्थित उनके पैतृक गांव मढ़ौली पहुंची।
यहां से यात्रा नरौरा घाट पहुंचेगी, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। आज लखनऊ में उनके आवास पर उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों का लगतार भीड़ लगा रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की राष्टीय अध्यक्ष मायावती समेत कई नेता उनके आवास पहुंचे लेकिन समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव कल्याण के आवास पर श्रद्धांजलि देने नहीं गये।
पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के परिवार ने ऐसा क्यों किया दूरी बनाने की क्या वजह रही होगी यह आज राजनितिक चर्चा का विषय बना हुआ है। लखनऊ के सियासी गलियारे में इसी बात की चर्चा की जा रही है कि आखिर अखिलेश यादव कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि देने उनके आवास क्यों नहीं गए। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो एक वर्ग विशेष को साधने के फेर में अखिलेश यादव से बड़ी राजनीतिक भूल हुई है। कम से कम एक राजनीतिक व्यक्ति को राजनीति और नैतिकता में फर्क तो समझ में आना ही चाहिए।
सपा के सूत्रों के अनुसार अखिलेश यादव लखनऊ से बाहर थे जिसकी वजह से वो कल्याण सिंह के आवास में जा नही पाए। हो सकता है वो अपने निजी काम से गए हों लेकिन सियासी गलियारों में इसके भी तरह तरह के मायने निकाले जा रहे हैं। लोगों के बीच यह चर्चा है की क्या अखिलेश यादव ने चुनाव में अपना नफा नुकसान का आकलन करके यह कदम उठाया या कुछ और ही मजबूरियां थीं।
उत्तर प्रदेश की सियासत में कल्याण सिंह और मुलायम परिवार के बीच चोली दामन का साथ रहा है। वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक अवनीश त्यागी ने इस मुद्दे पर कहा कि अखिलेश वोट के वोट बैंक के लालच में मानवता और नैतिकता भी भूल गए। ऐसे दुःख के समय उन्हें कल्याण सिंह के घर जाने से पीछे नहीं हटना चाहिए था। चाहे अब इसके पीछे जो भी वजह रही हो उन्हें ऐसा नहीं करना चाइए था।