वैष्‍णो देवी हादसे की खौफनाक कहानी, आधी रात माता वैष्‍णो देवी मंदिर में मची भगदड़।

नए साल पर वे माता का आशीर्वाद लेने के लिए वैष्णो देवी पहुंचे थे। वैष्णो देवी भवन खचाखच भरा हुआ था। भीड़ हजारों में थी। कुछ चश्मदीदों की मानें तो यह 3 लाख तक थी। दुनिया जब नए साल के जश्न में डूबी थी, उसी दौरान आधी रात के बाद जयकारों का उद्घोष मातम की चीख-पुकार में बदल गया।

मंदिर में दर्शन के दौरान हुए हादसे में कई लोगों की मौत हो गई और बड़ी संख्या में लोग बुरी तरह घायल हो गए। वैष्णो देवी परिसर में आधी रात के बाद कुछ ऐसा हुआ जो श्रद्धालुओं ने इससे पहले कभी नहीं देखा था।

कटरा स्थित माता वैष्‍णो देवी के धाम में शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात को भक्‍तों के बीच मची भगदड़-भीड़ के भयानक रेले के बीच भगदड़ मची और 13 लोग पिस गए।

जिसमे 12 लोग की जान गई और तकरीबन 13 लोग घायल हुए। अधिकतर जवान हैं। एक चश्मदीद ने जो बताया, वह रोंगटे खड़े करता है। रात के खौफ को बयां करते हुए उसने बताया कि कैसे करीब 14 साल की बच्ची ने उनकी आंखों के सामने दम तोड़ दिया।

कुछ का तो कहना है कि जब भगदड़ मची थी तो कुछ लोग जमीन पर गिर गए थे। इसके बाद कुछ लोग जान बचाने के लिए उनके ऊपर से भागे। कुछ तो अपनी जान बचाने के लिए खंभों पर चढ़ गए थे। बताया जा रहा है कि कटरा स्थित भवन क्षेत्र में घटना रात करीब 2.45 बजे की है।

गेट नंबर-3 के पास ये हादसा हुआ था। नए साल के मौके पर शाम से ही मंदिर में भारी संख्या में लोग जुटने लगे थे। कोरोना प्रोटोकॉल के तहत भवन क्षेत्र में ऐसी भगदड़ कैसे मची, अब इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

डीजीपी दिलबाग सिंह ने अस्पताल में भर्ती लोगों से मिलने के बाद प्रेस से बात की जिसमें उन्होंने कहा कि, मुझे लगता है कि उधर किसी तरह का भ्रम हुआ होगा जिससे कुछ प्रतिक्रिया हुई होगी। वहां मौजूद लोगों के अनुसार, कुछ क्रॉस-मूवमेंट था जिसके कारण कुछ टकराव हुआ, या कुछ बहसबाजी हुई होगी।

सभी चीजें देखी जा रही हैं। ज्यादातर मौतें दम घुटने और लोगों के आपस में टकराने से हुई हैं। घायलों को अस्पताल ले जाने में समय नहीं गंवाया गया। वहीं, गाजियाबाद से पहुंचे एक चश्मदीद ने बताया कि माता वैष्णो देवी भवन क्षेत्र में कुछ लोग दर्शन करके वहीं रूक गए, जिससे वहां मास गैदरिंग हो गई और लोगो को निकलने की जगह नहीं मिल रही थी।

थोड़ी सी जगह में बड़ी संख्या लोग आ और जा रहे थे। इस खौफनाक मंजर को बताने वाले चश्मदीद ने भी अपने एक जानकार को इस भगदड़ में खो दिया, जबकि एक उसके जानने वाले के हाथ में फ्रैक्चर है।

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