उन्नाव:- पूर्व राज्यमंत्री रहे स्व. फतेहबहादुर सिंह के कब्बाखेड़ा स्थित दिव्यानंद आश्रम का आधा हिस्सा पुलिस के द्वारा सील कर दिया गया है। 08 दिसंबर 2021 को शहर के काशीराम कॉलोनी निवासी 22 वर्षीय अनुसूचित जाति की युवती लापता हो गई थी जिसके बाद उसकी मां ने उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव फेडरेशन के चेयरमैन रहे स्व.फतेहबहादुर सिंह के बेटे रजोल सिंह पर अपहरण और हत्या करने का आरोप लगा गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। कार्रवाई न होने पर युवती की मां ने 24 जनवरी 2022 को लखनऊ मे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के काफिले के सामने आत्मदाह का प्रयास किया था जिसके बाद 25 जनवरी 2022 को रजोल को पुलिस ने जेल भेज दिया था। स्वाट टीम ने 10 फरवरी को युवती का शव पूर्व राज्यमंत्री के आश्रम के बगल के प्लाट से बरामद किया था। पोस्टमार्टम के बाद युवती का अंतिम संस्कार कराया गया था लेकिन स्वजन की मांग पर दोबारा पोस्टमार्टम हुआ जिसके बाद रिपोर्ट में अंतर मिलने पर युवती के स्वजन ने हंगामा किया था और अब मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में तीसरी बार पोस्टमार्टम की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है और युवती के माता-पिता लगातार आरोपितों पर दुष्कर्म की धारा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।

पूर्व राज्यमंत्री स्व. फतेहबहादुर सिंह के आश्रम परिसर में बने एक गड्ढे से शव निकाले जाने के 16 दिन बाद विवेचक की अनुपस्थिति में की गई यह कार्रवाई किसी के गले नहीं उतर रही है। सीओ सिटी कृपाशंकर सिंह ने साक्ष्य संकलन के लिए यह कार्रवाई किए जाने की बात कही है। पूर्व राज्यमंत्री स्व.फतेहबहादुर सिंह के बेटे रजोल सिंह ने साथी सूरज सिंह के साथ मिलकर 8 दिसंबर 2021 को उन्नाव जनपद में शहर स्थित कांशीराम कालोनी में रहने वाली 22 वर्षीय युवती की हत्या पिता के आश्रम में कर दी थी और शव को आश्रम परिसर में ही बने गड्ढे में दबा दिया था। 10 फरवरी 2022 को शव को पुलिस ने गड्ढे से शव बरामद किया था। इसके बाद से युवती की मां पुलिस पर आश्रम सील करने व दोनों आरोपियों पर सामूहिक दुष्कर्म की धारा बढ़ाने की मांग कर रही थी और पुलिस के द्वारा कार्रवाई न करने पर पीड़ित परिवार ने रविवार को आश्रम के सामने धरना प्रदर्शन करने का ऐलान कर दिया जिसके बाद पुलिस हरकत में आ गई। मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी टीम में शामिल स्वॉट प्रभारी गौरव कुमार पीड़ित परिवार को लेकर एसपी कार्यालय पहुंचे वहाँ मौजूद सीओ कृपाशंकर सिंह ने परिवार के लोगों की बात सुनी और कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद एसआईटी टीम में शामिल सदर कोतवाली प्रभारी ओपी राय, महिला थानाध्यक्ष प्रेमवती टीम के साथ युवती के परिजनों को लेकर दिव्यानंद आश्रम पहुंची और टीम ने आश्रम के आधे हिस्से में बने कमरों को सील कर दिया है। सीओ कृपाशंकर सिंह ने साक्ष्य संकलन के क्रम में आश्रम को सील किए जाने की बात कही है। उनका कहना है कि इसमें पीड़ित परिवार की मांग का कोई मुद्दा नहीं है। मामले की विवेचना चल रही है और आगे तथ्यों व साक्ष्यों के आधार पर दर्ज मामले में धाराएं बढ़ाई जाएंगी। स्थानीय लोगों के अनुसार आश्रम को सील किए जाने के दौरान सीओ सिटी कृपाशंकर सिंह मौके पर नहीं पहुंचे थे और इस तरह की कार्रवाई में मामले की विवेचना कर रहे सीओ का मौके पर मौजूद रहना अनिवार्य होता है।