वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार को सार्वजनिक बैंकों (PSB) के नेताओं के साथ मुलाकात की और आर्थिक परिणामों और प्रगति की समीक्षा की, इस बैठक का मकसद बैंकों के प्रदर्शन और कोविड-19 महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को गति देने के मामले में हुई प्रगति की समीक्षा करना था। सीतारमण दो दिन के दौरे पर मुंबई में थी। पिछले साल मार्च में महामारी शुरू होने के बाद से यह वित्त मंत्री और सरकारी बैंकों के प्रमुखों की आमने-सामने की पहली समीक्षा बैठक थी।
हाल ही में सीतारमण ने कहा था कि सरकार कोविड-19 महामारी से प्रभावित आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये हर जरूरी कदम उठाने को तैयार है। मंत्री ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा घोषित पुनर्गठन 2.0 योजना के साथ बैंकिंग क्षेत्र और प्रगति का जायजा लिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोरोना संकट के दूसरे चरण के बाद बैंकों को निर्यातकों और इंडस्ट्री चैंबर से बातचीत कर उनकी जरूरत के हिसाब से लोन उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था। बैंकों ने इस दिशा में भी काफी प्रगति की है।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैंकों से बातचीत के बाद अब यह समझ आया है कि लोग न्यू एज बैंकिंग में ज्यादा दिलचस्पी ले रहे हैं और बैंक भी इसके लिए काफी प्रयास कर रहे हैं। महामारी के दौरान और प्रति माह 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की धन उगाहने की गति को बनाए रखने के लिए जीएसटी अधिकारियों की उनके निरंतर प्रयासों की प्रशंसा करते हुए, वित्त मंत्री ने कहा कि 1.10 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह नया सामान्य होगा। वित्त मंत्री सीतारमण ने 2020-21 के लिए ईज 3.0 (एन्हांस्ड एक्सेस एंड सर्विस एक्सीलेंस) इंडेक्स के परिणाम भी घोषित किए और ईज 4.0 को लॉन्च किया। स्वच्छ और स्मार्ट बैंकिंग को संस्थागत बनाने के उद्देश्य से पीएसबी के लिए सुगमता एक सामान्य सुधार एजेंडा है।