मुंबई जोन के डायरेक्टर समीर वानखेड़े की पत्नी क्रांति रेडकर ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है। पत्र में लिखा, ‘माननीय उद्धव जी, बचपन से ही मराठी आदमी के न्याय के लिए लड़ रही शिवसेना को देखते हुए मैं एक मराठी लड़की के रूप में पाली-बढ़ी हूं।
बालासाहेब ठाकरे और छत्रपति शिवाजी महाराज से सीखा कि किसी के साथ अन्याय मत करो, अपने साथ अन्याय मत करो।” उन्होंने कहा कि शिवसेना के राज्य में एक महिला की गरिमा के साथ सरेआम खिलवाड़ हो रहा है, मजाक हो रहा है। आज बालासाहब ठाकरे होते तो निश्चित ही ये उन्हें स्वीकार नहीं होता।
साथ ही लिखा बाला साहब ठाकरे और छत्रपति शिवाजी से सीखा कि किसी पर अन्याय मत करो और खुद पर अन्याय मत सहो। आज मैं अकेले मेरे निजी जीवन पर हमला करने वाले लोगों के खिलाफ लड़ रही हूं। क्रांति ने कहा कि “क्या आपको लगता है कि एक व्यक्ति यूपीएससी के लिए पूरा परिवार और अपनी जाति बदल देगा? ये झूठ और मूर्खतापूर्ण है।
हमने मीडिया में उनका जाति प्रमाण पत्र दिखाया है। वो एक छोटी जाति से है, इसलिए उसे अनावश्यक रूप से टारगेट किया जा रहा है। समीर का ये काम उन सभी के पेट पर लात मारने जैसा है जो नशीले पदार्थों के कारोबार में शामिल थे। कई लोग परेशान भी हो रहे हैं।” क्रांति रेडकर ने नवाब मलिक से अपील की कि वे उन्हें निशाना बनाना बंद करें और इसके बजाय एजेंसी द्वारा ड्रग्स के मामले में गिरफ्तार किए गए अपने दामाद की बेगुनाही को सुधारने या साबित करने पर ध्यान दें।
उन्होंने आगे लिखा कि सोशल मीडिया पर मौजूद लोग सिर्फ तमाशा देख रहे हैं और सरेआम मेरी बेइज्जती की जा रही। राजनीति मुझे समझ नहीं आती और मुझे उसमें पड़ना भी नहीं है, हमारा कुछ भी संबंध ना होते हुए रोज सुबह हमारी इज्जत उतारी जाती है। शिवसेना के राज्य में एक महिला की गरिमा के साथ खिलवाड़ हो रहा है। मजाक हो रहा है आज बालासाहेब ठाकरे होते तो निश्चित ही ये उन्हें मंजूर नहीं होता।