बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला के सबसे बड़े यानी डोरंडा ट्रेजरी से अवैध निकासी मामले में सीबीआई की विशेष कोर्ट अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट के फैसले के अनुसार लालू प्रसाद यादव इस मामले में दोषी करार दिये गए हैं। हालांकि लालू समेत 75 दोषियों की सजा का ऐलान 21 फरवरी को किया जाएगा।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता संजय कुमार ने बताया कि इस मामले में अदालत ने दोषी ठहराए गए लोगों में से 36 को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है। लालू प्रसाद यादव को दोषी ठहराया गया है, सजा अभी नहीं सुनाई गई है। बता दें कि अगर लालू यादव को तीन साल से कम की सजा होती है तो उन्हें जमानत मिल सकती है नहीं तो लालू यादव को कस्टडी में लिया जाएगा। फिलहाल चारा घोटालों में बाकी मामलों में लालू यादव को कोर्ट ने तीन साल से अधिक की सजा सुनाई है।
इधर लालू प्रसाद को कोर्ट ने उनके स्वास्थ्य लिहाज से दिए गए आवेदन पर नरमी दिखाते हुए उन्हें रिम्स में भर्ती होकर इलाज कराने की इजाजत दी है। इसके बाद लालू प्रसाद जेल जाकर कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद रिम्स जाएंगे। लालू के वकील ने अदालत में उनकी सेहत की दुहाई देते हुए एक अर्जी दायर की थी।
रिम्स में भी पेईंग वार्ड को तैयार किया जा रहा है। लालू प्रसाद पहले भी कमरा नंबर ए-11 में ही रहते थे। बाद में कोरोना संक्रमण बढ़ने पर उन्हें रिम्स निदेशक के बंगले में रखा गया। इसके बाद तबीयत खराब होने पर उन्हें इलाज के लिए दिल्ली भेजा गया। अब एक बार फिर लालू प्रसाद कमरा नंबर-11 में रह सकते हैं।
बता दें, झारखंड में चारा घोटाले के कुल पांच मुकदमों में लालू प्रसाद यादव अभियुक्त बनाए गए थे। चार मुकदमों में पहले ही फैसला आ चुका है और इन सभी मामलों में अदालत ने उन्हें दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी। जिस पांचवें मुकदमे में मंगलवार को फैसला दिया गया है, वह रांची के डोरंडा स्थित ट्रेजरी से 139.5 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़ा है।
वर्ष 1996 में दर्ज हुए इस मामले में शुरुआत में कुल 170 लोग आरोपी थे। इनमें से 55 आरोपियों की मौत हो चुकी है, जबकि सात आरोपियों को सीबीआई ने सरकारी गवाह बना लिया। दो आरोपियों ने अदालत का फैसला आने के पहले ही अपना दोष स्वीकार कर लिया। छह आरोपी आज तक फरार हैं।
यह मामला लगभग 23 साल पुराना है। दरअसल 1990 से 1995 के बीच झारखंड के डोरंडा स्थित ट्रेजरी से 139.35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी की गई थी। इस केस में सीबीआई विशेष अदालत ने 29 जनवरी को बहस पूरी कर ली थी।