रेल मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि उसने इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) सुविधा शुल्क पर फैसला वापस लेने का फैसला किया है। यह एक दिन बाद आया है जब आईआरसीटीसी ने कहा कि उसे अपनी वेबसाइट पर बुकिंग से अर्जित राजस्व का 50% सुविधा शुल्क के रूप में साझा करने के लिए कहा गया है।
दीपम सचिव ने एक ट्वीट में घोषणा की, “रेल मंत्रालय ने आईआरसीटीसी सुविधा शुल्क पर निर्णय वापस लेने का फैसला किया है।”
सर्विस चार्ज का 50% हिस्सा लेने की खबर के सामने आने के बाद IRCTC के शेयरों में काफी गिरावट देखने को मिली। गौरतलब है कि IRCTC कैटरिंग और टूरिज्म से प्राप्त होने वाली इनकम ही रेलवे के साथ साझा करती है। लेकिन रेलवे ने कन्वीनियंस फीस से होने वाली कमाई का 50% हिस्से को भी साझा करने की बात कही थी।
IRCTC ने बताया था कि रेल मंत्रालय के साथ रेवेन्यू साझा करने का यह नया मॉडल 1 नवंबर से लागू होगा। फिलहाल यह फैसला वापस ले लिया गया है। ये खबर कल बाजार बंद होने के बाद आई. इसके बाद शुक्रवार सुबह से IRCTC के शेयरों में 25 फीसदी तक गिरावट देखने को मिली. अब फिर से शेयर चढ़ने लगे हैं।
Ministry of Railways has decided to withdraw the decision on IRCTC convenience fee pic.twitter.com/HXIRLxXTlL
— Secretary, DIPAM (@SecyDIPAM) October 29, 2021
बता दें, इस स्टॉक में 11 बजे के बाद लगभग 20 फीसदी की रिकवरी देखने को मिली। अभी दोपहर 12 बजे के आस-पास IRCTC के शेयर लगभग 5 फीसदी की गिरावट के साथ 865 रुपए के करीब कारोबार कर रहे हैं। हम आपको बता दें कि IRCTC एक पब्लिक सेक्टर कंपनी है, जिसका उद्देश्य है कि भारतीय रेलवे में सफर करने वाले यत्रियो को उनके प्रवास के दरमियान खाना-पीना और ऐसी अन्य सेवा प्रदान करना है जो किसी यात्रियों की यात्रा के समय जरुरी है। इसके अलावा IRCTC ऑनलाइन टिकट बुकिंग की भी सुविधा देता है।
इससे कोई भी रेलवे की किसी भी Train की Online Ticket Booking कर सकता है। इससे लोगों को घंटो लाइन में लगने की जरूरत नहीं पड़ती।