राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्नाव रेप पीड़िता के 2019 दुर्घटना मामले में भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को किया बरी।

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्नाव रेप पीड़िता के 2019 दुर्घटना मामले में भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को बरी कर दिया। 2017 में नाबालिग से रेप के एक अलग मामले में सेंगर को 2019 में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।

उन्हें पिछले साल दोषी पाया गया था जिसके बाद अदालत ने उन्नाव बलात्कार पीड़िता के पिता की मौत के मामले में उन्हें दस साल जेल की सजा सुनाई थी और 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।

हालांकि, सेंगर ने उस व्यक्ति की मौत में शामिल होने से इनकार किया था। 2019 में सेंगर को 2017 में नाबालिग से बलात्कार के एक अलग मामले में जेल की सजा सुनाई गई थी। बता दें कि जून 2017 में उन्नाव के एक गांव की रहने वाली एक नाबालिग ने कुलदीप सेंगर और उसके साथियों पर रेप का आरोप लगाया था।

लेकिन आरोप लगने के बाद लड़की अचानक गायब हो गई थी। थाने में लड़की के परिवार ने मामले की शिकायत की थी। लेकिन 9 दिन बाद वह औरैया के एक गांव में मिली थी। 4 अप्रैल 2018 में पीड़ित के पिता की पिटाई की गई। पुलिस ने उल्टा घायल के खिलाफ ही रिपोर्ट लिखी और 7 अप्रैल को उसे जेल भेज दिया था।

जिसके बाद पीड़िता ने विधायक और उसके भाई पर केस दर्ज करने की मांग करते हुए सीएम आवास के सामने सुसाइड करने की कोशिश की थी। 8 अप्रैल को जेल से अस्पताल भेजे गए रेप पीड़िता के पिता की मौत हो गई थी।

बता दें कि 16 दिसंबर 2019 को बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को रेप के मामले में दोषी करार दिया था। इसके साथ ही सह आरोपी शशि सिंह को बरी कर दिया था।

4 मार्च, 2020 को सेंगर, उनके भाई और पांच अन्य लोगों को बलात्कार पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में मौत के लिए दोषी ठहराया गया और उन्हें 10 साल कैद की सजा सुनाई गई। अब उसे एक्सीडेंट के मामले में कोर्ट ने बरी कर दिया है।

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