आगामी विधानसभा के चुनावों के चलते उत्तर प्रदेश की राजनीति में सबसे ज्यादा हलचल मची हुई है। राजनितिक पार्टियां अपने जिताऊ प्रत्याशी को मैदान में उतारने का प्रयास कर ररहि है। सभी राजनीतिक दल इसी बात को लेकर अपना एजेंडा सेट कर रहे हैं कि प्रदेश में कैसे आयें।
इसी क्रम समाजवादी पार्टी ने कैराना विधानसभा से नाहिद हसन को टिकट दे दिया। इसी क्रम में भाजपा नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय ने समाजवादी पार्टी की मान्यता रद्द करते हुए सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर की है। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक ऐसे लोगों को टिकट देना अपराध को बढ़ावा देना है।
अश्विनी उपाध्याय के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने 2018 और फिर 2020 में जारी अपने आदेश में कहा था कि कोई भी राजनीतिक दल अपराधियों को टिकट नहीं देगी। यदि टिकट देती है तो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया और सोशल मीडिया में उस पर दर्ज केस की जानकारी प्रकाशित की जाएगी।
ऐसा न करने वाली पार्टी की मान्यता रद्द और पार्टी मुखिया पर कार्रवाई की बात कही गई थी। नाहिद हसन पर गैंगस्टर एक्ट समेत अन्य आपराधिक केस दर्ज हैं।
इस तरह अखिलेश यादव ने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का उल्लंघन किया है, जिसमें अपराधियों को टिकट नहीं देने की बात कही गई है। अश्विनी उपाध्याय की मांग है कि समाजवादी पार्टी की मान्यता रद्द की जाए और अखिलेश यादव के खिलाफ केस चलाया जाए। याचिका पर सोमवार को ही सुनवाई होगी।