यूपी सचिवालय में IAS के निजी सचिव ने खुद को गोली मारी, आंतिरिक जांच शुरू !

राजधानी लखनऊ में उत्तर प्रदेश सचिवालय के 8वें फ्लोर पर अपर मुख्य सचिव रजनीश दुबे के निजी सचिव विशंभर दयाल ने खुद को कमरे में बंद कर लाइसेंसी रिवाल्वर से खुद को गोली मार ली। उन्हें गंभीर हालत में पहले लोहिया अस्पताल पहुंचाया गया। वहां से केजीएमयू रेफर कर दिया गया। छुट्टी के दिन रिवाल्वर लेकर दफ्तर आना चर्चा की विषय बना हुआ है।

रजनीश दुबे नगर विकास के अपर मुख्य सचिव हैं। विशंभर के सिर में दाहिने तरफ गोली लगी थी। वहीं, पुलिस के हाथ घटनास्थ्ल से रिवाल्वर, खोखा व जिंदा कारतूस, मोबाइल फोन और एक सुसाइड नोट लगा है। पुलिस के मुताबिक, सुसाइड नोट में विशंभर ने बहन के ससुराली विवाद को तनाव का कारण बताया है। उधर, विशंभर की पत्नी का कहना है कि उन्हें दफ्तर के किसी विवाद की जानकारी नहीं है। वे बहन की ससुराल के विवाद से जरूर परेशान थे।

बताया जा रहा है कि कृष्ण जन्माष्टमी के कारण सचिवालय में छुट्टी थी। इसके बाद भी बापू भवन स्थित दफ्तर में विश्वंभर पहुंचे थे। गोली की आवाज सुनकर वहां मौजूद लोगों में हड़कंप मच गया। लोग कमरे में पहुंचे तो विश्वंभर दयाल खून से लथपथ थे। सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि निजी सचिव शस्त्र लेकर भीतर कैसे प्रवेश कर गए।

चेकिंग में कहां और किस स्तर पर अनदेखी हुई। सीआइएसएफ ने सचिवालय परिसर की सुरक्षा और मजबूत किए जाने के लिए कई बिंदुओं पर अपनी विस्तृत रिपोर्ट दी थी, लेकिन उसकी सिफारिशें अब तक लागू नहीं की जा सकी हैं। खासकर वाहनों के प्रवेश व उनकी चेकिंग को लेकर कई सुझाव दिए गए थे। दूसरी ओर सचिवालय में प्रवेश के दौरान प्रभावी चेकिंग में चूक का एक कारण सुरक्षाकर्मियों की कमी भी है।

बताया गया कि सचिवालय सुरक्षा में रक्षक के 244 पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में करीब 127 पद रिक्त हैं। सूत्रों का कहना है कि सीआइएसएफ की सुरक्षा आडिट रिपोर्ट में रक्षक के पद करीब तीन गुना तक बढ़ाए जाने से सिफारिश भी की गई थी। हर गेट पर मेटल डिटेक्टर डोर व वाहनों की चेकिंग के लिए आधुनिक उपकरण लगवाए जाने की बात भी कही गई थी। फिलहाल पुलिस घटना के समय मौजूद लोगों से पूरी जानकारी लेने की कोशिश में लगी हुई है। घटना के पीछे क्या कारण थे। इसकी आंतिरिक जांच में पुलिस जुटी हुई है।

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