नई विधानसभा में कई चीजें बदली हुई होंगी। कई नए चेहरे नजर आएंगे तो कई पुराने चेहरे फिर से दिखाई देंगे। कई पहली बार विधानसभा में पहुंचे हैं तो कुछ ऐसे भी हैं जो आधा दर्जन से भी ज्यादा बार इसके सदस्य रह चुके हैं।
आइये देखते हैं उत्तर प्रदेश की नई विधानसभा अब कैसी नजर आएगी।
आजमगढ़ जिले की निजामाबाद सीट से जीते आलम बदी नई विधानसभा के सबसे बुजुर्ग विधायक होंगे। 86 साल के बदी भी सपा के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं।
वह 12वीं तक की पढ़ाई की है। बता दें कि बदी लगातार पांचवीं बार निजामाबाद सीट से जीते हैं और उनके छवि एक ईमानदार नेता के रूम में झलकती है। उनके ऊपर कोई आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं है।
नई विधानसभा में विधायकों की औसत उम्र साढ़े 52 साल है। 255 सीटें जीतने वाली भाजपा के विधायकों की औसत उम्र 52.7 साल है। भाजपा के सबसे युवा विधायक योगी सरकार में राज्य मंत्री संदीप सिंह हैं। 30 साल के संदीप अलीगढ़ जिले की अतरौली सीट से जीते हैं।
संदीप के दादा कल्याण सिंह राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं। अयोध्या सीट से जीते वेद प्रकाश भाजपा के सबसे बुजुर्ग विधायक हैं। उनकी उम्र 74 साल है। सपा की बात करें तो उसके 111 विधायकों की औसत उम्र 52.6 साल है।
नई विधानसभा में दस विधायक ऐसे हैं जो सिर्फ 8वीं तक पढ़े हैं। इनमें सात भाजपा तो तीन विधायक सपा के टिकट पर जीते हैं। 21 विधायक 10वीं तक पढ़े हैं। 10वीं पास 21 विधायकों में छह सपा के हैं तो 15 भाजपा के टिकट पर जीते हैं।
सात विधायक ऐसे भी हैं जिन्होंने खुद को सिर्फ साक्षर बताया है। साक्षर विधायकों में चार सपा, दो भाजपा तो एक सुभासपा के टिकट पर जीते हैं। साक्षर विधायकों में तीन महिला विधायक भी शामिल हैं।