भारत की COVID-19 तीसरी लहर: यह कब चरम पर होगी और कब समाप्त ?

भारत में बुधवार को कोविड-19 (India Third Wave) के 1.94 लाख नए मामले दर्ज किए गए। जबकि इस दौरान 442 मरीजों की मौत हो गई। कोरोना के सबसे ज्यादा मामले दर्ज करने वाले शीर्ष पांच राज्यों में महाराष्ट्र, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और कर्नाटक शामिल हैं।

महाराष्ट्र से बीते 24 घंटों के दौरान संक्रमण के 46,723 मामले सामने आए। इसके बाद दिल्ली से 27,561 मामले दर्ज हुए। पश्चिम बंगाल में कोरोना के 22,155 नए मामले, तमिलनाडु में 17,934 मामले और कर्नाटक में 21,390 मामले रिकॉर्ड हुए।

ओमिक्रॉन काफी अधिक संक्रामक है। यह जंगल की आग की तरह फैल रहा है. इतना ही नहीं संकेत मिल रहे हैं कि लंबे समय तक टिकाऊ नहीं है। इसका वैक्सीनेशन अंतिम उपाय है। इतने सारे लोग पॉजिटिव हो रहे हैं। लेकिन भगवान और स्वास्थ्य कर्मियों और वैक्सीन को धन्यवाद कि बहुत कम लोगों को अस्पतालों में जाना पड़ रहा है।

अभी भी स्थिति दूसरी लहर से बहुत अलग दिख रही है. दरअसल, भारत में वैक्सीनेशन से लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता मे बदलाव हुआ है।अगर आप अन्य देशों का डेटा देखें, तो यहां ओमिक्रॉन से संक्रमित होकर अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों में बड़ी संख्या में ऐसे हैं, जिन्होंने वैक्सीन हीं लगवाई है।

मैं चुनाव वाले राज्यों में लोगों से अपील करती हूं कि वे वैक्सीन लगवाएं और कोरोना गाइडलाइन का पालन करें। उम्मीद है कि अगले सात या दस दिनों में संक्रमण की रफ्तार धीमी हो सकती है। मुखर्जी ने बताया कि अगले सात दिनों में कुछ राज्यों में कोविड-19 के मामले में चरम पर पर पहुंच सकते हैं।

जबकि जनवरी के आखिर तक कोरोना की तीसरी लहर (Corona Third Wave) भारत में पीक पर होगी। यह पूछे जाने पर कि क्या ओमिक्रॉन का संक्रमण बहुत तेजी से बढ़ने के साथ-साथ, उतनी ही तेजी से घट भी रहा है? इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘ऐसा ही लगता है।

ओमिक्रॉन की हाई ट्रांसमिसिबिलिटी को देखते हुए, यह कहा जा सकता है कि आबादी के माध्यम से ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) जंगल की आग की तरह फैल रहा है. इसका मतलब यह भी है कि यह लंबे समय के लिए टिकाऊ नहीं है यानी कि इसकी अवधि कम है।’

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