मध्य प्रदेश, न्यूज डेस्क
मंगलवार को सुबह अचानक मौसम बदला और बादलों की तेज गडग़ड़ाहट के साथ ओलावृष्टि शुरू हो गई। प्रदेश में कई जगहों पर बेर और आंवले के आकार के ओले गिरे हैं जिनसे फसलों को भारी नुकसान हुआ है।
जबलपुर। प्रदेश के 10 से ज्यादा जिलों के सैकड़ो गांवों में तबाही मचाने के बाद मौसम की वक्र दृष्टि सोमवार को महाकोशल पर पड़ी। पत्थर के समान बर्फ बनकर गिरी बूंदों ने क्षेत्र के लगभग हर जिले में महज 30 मिनिट में ही बर्बादी की दास्तां लिख दी। ओलावृष्टि ने जबलपुर के पाटन के अलावा नरसिंहपुर के गोटेगांव, सिवनी, बालाघाट, दमोह, डिंडौरी, शहडोल, मंंडला , बेतुल, पन्ना तक तबाही मचा दी। दिन मे 11 बजे से शुरू हुआ ओले गिरने का यह सिलसिला रुक-रुककर शाम तक चलता रहा जिसने किसानों के सपनों को खेतों में ही जमींदोज कर दिया।

बेर के बराबर ओले- गोटेगाँव क्षेत्र के गाँवों मे बेर और आंवले के बराबर ओले गिरे।
नरसिंहपुर में तबाही : नरसिंहपुर में हुई ओलावृष्टि से गोटेगांव क्षेत्र में खोबी, मोहास, रिमझा, बढ़ैया खेड़ा, करेली, सांकल, हिड़की, बम्हनी, नोनी, झांसीघाट, ऊमरा, रायखेड़ा, करेलीकला, करेली खुर्द, चंदली इत्यादि ग्रामों में तबाही का आलम है। किसानों के खेतों में बर्फ की सफेद चादर के नीचे फसल बिछ गई है।
फसलें बर्बाद : ओलावृष्टि से पकने के बाद कटने को तैयार खड़ी अरहर की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, वहीं मटर की फसल को भी काफी नुकसान हुआ है।

आकाशीय बिजली गिरने से बैतूल के दीवान चारसी गाँव में पाँच बकरियाँ की मौत हो गई और अन्य जिलों मे भी कई जगह आकाशीय बिजली गिरने की खबर है।