पीम मोदी के ‘सेल्फी विद डाटर’ का दिखा रंग और पहली बार हुईं पुरुष से ज्यादा महिलाएं ।

देश की आबादी में पहली बार पुरुषों की आबादी की तुलना में महिलाओं की आबादी ज्यादा हो गई है। कभी मिसिंग वूमन का तोहमत झेलने वाले देश के लिए ये बड़ी खुशखबरी है। यही नहीं, देश में प्रजनन दर में भी कमी आई है। नेशनल फैमिली एंड हेल्थ सर्वे के अनुसार, देश में अब 1,000 पुरुषों की तुलना में महिलाओं की आबादी 1,020 हो गई है।

बता दें कि देश में पुरुष के मुकाबले महिला आबादी में बढ़ोतरी हुई है। इससे पूर्व NFHS-4 में प्रति 1000 पुरुषों की आबादी में महिलाओं की संख्या 991 थी। पहले 2015-16 के दौरान प्रति 1000 बच्चों पर 919 बच्चियों का थो, जो अब 2019-21 में बेहतर होकर प्रति 1000 बच्चों पर 929 पह पहुंच गया है।

एनएफएचएस-5 के आंकड़ों में यह बात भी सामने आई है कि सेक्स रेशो सुधार शहरों के मुकाबले गांवों में अधिक बेहतर देखने को मिला। गांवो में हर 1,000 पुरुषों पर 1,037 महिलाएं हैं और शहरों में 985 महिलाएं हैं। देश के 23 राज्य ऐसे हैं, जहां पर 1,000 पुरुषों पर महिलाओं की आबादी 1,000 से अधिक देखने को मिली है।

यूपी में प्रति 1,000 पुरुषों पर 1017, बिहार में 1090, दिल्ली में 913 है। मध्यप्रदेश में 970 और राजस्थान में यह संख्या 1,009 दर्ज की गई है। एनएफएचएस-5 के मुताबिक, राष्ट्रीय स्तर पर प्रजनन दर में भी बदलाव दर्ज किया गया है। प्रजनन दर घटकर 2.0 हो गई है।

इसका मतलब देश में मां बनने वाली महिला औसतन दो बच्चों को जन्म दे रही है। इससे पहले एनएफएचएस-4 में यह दर 2.2 थी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को 14 राज्यों के सर्वेक्षण के साथ इसके दूसरे चरण की रिपोर्ट जारी की। पहले चरण में 22 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को शामिल किया गया था।

इस चरण में जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का सर्वेक्षण किया गया, उनमें अरुणाचल प्रदेश, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश, दिल्ली के एनसीटी, ओडिशा, पुडुचेरी, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड शामिल हैं।

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