सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के लिए चल रहे निर्माण-कार्य के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली के कस्तूरबा गांधी मार्ग और अफ्रीका एवेन्यू में रक्षा कार्यालय परिसरों का उद्घाटन कर दिया है। साथ ही सेंट्रल विस्टा की नई वेबसाइट को भी लॉन्च किया। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और सेनाध्यक्ष जनरल एम एम नरवणे भी मौजूद रहे।
इस मौके पर पीएम मोदी ने अधिकारियों को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आजादी के 75वें वर्ष में आज हम देश की राजधानी को नए भारत की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं के अनुसार विकसित करने की तरफ एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ा रहे हैं।
नया डिफेंस ऑफिस कॉम्प्लेक्स हमारी सेनाओं के काम काज को अधिक सुविधाजनक, अधिक प्रभावी बनाने के प्रयासों को और सशक्त करने वाला है। नए ‘डिफेंस कॉम्पलेक्स’ में रक्षा मंत्रालय के करीब 7 हजार कर्मचारियों को शिफ्ट किया गया है।
इस मौके पर राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछली इमारतें जर्जर अवस्था में थीं। हमारे अधिकारियों को काम करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। जगह का सही उपयोग नहीं हो पा रहा था, यही कारण है कि इस परिसर को लाया गया है। अब 7,000 से अधिक श्रमिकों को इसमें समायोजित किया जा सकता है।

हम बता दें कि रक्षा मंत्रालय से जुड़े दो नए कार्यालय तैयार हुए हैं। पहला कस्तूरबा गांधी मार्ग (सेंट्रल दिल्ली) और दूसरा अफ्रीका एवेन्यू (चाणक्यपुरी) में स्थित है। दोनों ही बिल्डिंग सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं, जिसके तहत लुटियन दिल्ली में आने वाले 86 एकड़ के हिस्से को रीडेवेलप किया जाना है, यह प्रोजेक्ट कुल 20 हजार करोड़ रुपये का है।
इसमें प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति के नए आवास भी बनने हैं। अफ्रीका एवेन्यू वाला कॉम्पलेक्स 7 मंजिला है, जिसमें सिर्फ रक्षा मंत्रालय के दफ्तर होंगे। केजी मार्ग वाला दफ्तर 8 मंजिला है, जिसमें परिवहन भवन, श्रम शक्ति भवन के ऑफिस भी होंगे। इनके ऑफिस इनकी नई बिल्डिंग तैयार नहीं होने तक यहां से चलेंगे। नए ऑफिस काफी हाईटेक हैं।
इसमें रूफ टॉप सोलर पैनल, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग, जीरो वेस्ट कैंपस, ऑक्यूपेंसी सेंसर, पजल पार्किंग जैसी सुविधाएं हैं। पीएम मोदी ने कहा कि अब केजी मार्ग और अफ्रीका एवेन्यु में बने ये आधुनिक ऑफिस, राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़े हर काम को प्रभावी रूप से चलाने में बहुत मदद करेंगे। राजधानी में आधुनिक डिफेंस एन्क्लेव के निर्माण की तरफ ये बड़ा कदम है। उन्होंने कहा जब हम राजधानी की बात करते हैं तो वो सिर्फ एक शहर नहीं होता।
किसी भी देश की राजधानी उस देश की सोच, संकल्प, सामर्थ्य और संस्कृति का प्रतीक होती है। भारत तो लोकतंत्र की जननी है। इसलिए भारत की राजधानी ऐसी होनी चाहिए, जिसके केंद्र में लोक हो, जनता हो।