क्रिप्टोकरेंसी की सुविधा और नियम को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को बड़ा बयान दिया है। जैसा की हमारे देश में Cryptocurrency के ज़रिये लोग अपन धंधा कर रहे और इससे सारी आर्थिक समस्यायें दूर हो रही है। वहीँ दूसरी इसके खिलाफ जाकर इसका लोग गलत इस्तेमाल भी कर रहे है। बता दें की भारत में क्रिप्टो करेंसी को लेकर गरम चर्चा चल रही है। भारत सरकार ने इसी दौरान एक फैसला लिया है अपना एक अलग स्टैंड तैयार कर रही है।
चलिये बताते हैं कि आखिर क्या है क्रिप्टोकरेंसी: भारत में क्रिप्टोकरेंसी कानूनी तौर पर मान्य नहीं है। परंतु ये गैरकानूनी भी नहीं है। इसमें पैसा लगाने वालों के हितों का ख्याल रखने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार इसके लिए फ्रेमवर्क तैयार कर रही है। क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी होती है।
इसका कोई रेगुलेटर नहीं है और अभी तक किसी देश में इसे कोई कंट्रोल नहीं करता। साल 2009 में शुरू होने के बाद अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से इनकी कीमतों में बड़ी तेजी देखने को मिली है। गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए प्रधानमंत्री मोदी ने सिडनी डायलॉग को संबोधित किया।
पीएम मोदी ने बिटक्वाइन का उदाहरण देते हुए कहा कि क्रिप्टोकरेंसी जैसे तकनीकी नवाचारों का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए। इसलिए यह बेहद जरूरी हो जाता है कि बिटकॉइन जैसी डिजिटल मुद्रा कहीं गलत हाथों में न चली जाए, जो हमारे युवाओं को खराब कर सकता है।
पीएम मोदी ने आज सिडनी संवाद’ को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को लेकर एक बड़ी बात कही। पीएम ने कहा कि ‘सभी देशों को यह सुनिश्चित करना होगा कि क्रिप्टो गलत हाथों में न पड़े.’ क्रिप्टोकोर्रेंसी पर विवाद को लेकर पीएम मोदी ने तब ये फैसला लिया जब संसदीय समिति ने गए रखी की क्रिप्टो को रोका नहीं जा सकता।
लेकिन इसके शासन की ज़रूरत है। विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका की तरह ही भारत में विटक्वाइन का भविष्य सुनहरा है। यह ऐसा एसेट है जो कुछ सालों में बड़े पैमाने पर दिखेगा। भारत के पास ये मौका है कि क्रिप्टो को लेकर जागरुकता फैलाई जाए और ताकि इसकी तकनीक को समझा जा सके। ऐसा होने पर निश्चित तौर पर भारत में इससे निवेशकों को फायदा मिल सकता है।