प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के कार्यालय में आज पहले ऑडिट दिवस को संबोधित कर रहे हैं। यहां पहुंचकर उन्होंने सरदार बल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा का अनावरण किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय था, जब देश में ऑडिट को एक आशंका, एक भय के साथ देखा जाता था।
‘कैग बनाम सरकार’, ये हमारी व्यवस्था की सामान्य सोच बन चुकी थी, लेकिन आज इस मानसिकता में बदलाव आया है। आज ऑडिट को वैल्यू एडिशन का अहम हिस्सा माना जाता है। इस मौक़े पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘कुछ ही संस्थान हैं जो समय के साथ मज़बूत, अधिक प्रासंगिक और अधिक परिपक्व हुए हैं।
कुछ दशकों में कुछ संस्थान अपनी उपयोगिता खो चुके हैं लेकिन CAG एक विरासत है और हर पीढ़ी को इसे संजोना चाहिए। यह एक बड़ी ज़िम्मेदारी है। ’इसकी रक्षा करना और इसे बेहतर बनाना हर पीढ़ी का कर्तव्य है। यह एक बड़ी जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि एक संस्था के रूप में कैग न केवल देश के खातों का हिसाब किताब चेक करता है, बल्कि प्रोडक्टिविटी में एफिशिएंसी में वैल्यू एडिशन भी करता है। इसलिए ऑडिट दिवस और इससे जुड़े कार्यक्रम हमारे चिंतन मंथन, हमारे सुधारों का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
भारत के CAG जीसी मुर्मू ने कहा कि ‘हमने इस दिन को पहले ऑडिट दिवस के लिए इसलिए चुना है क्योंकि भारत सरकार के क़ानून 1858 के तहत बंगाल, मद्रास और बॉम्बे प्रांतों के ऑडिट विभाग को एक किया गया था और 16 नवंबर 1860 को पहले ऑडिटर जनरल ने कार्यभार संभाला था।’
पीएम मोदी ने कहा कि पहले देश के बैंकिंग सेक्टर में पारदर्शिता की कमी के चलते तरह तरह की प्रैक्टिस चलती थीं। इसका परिणाम ये हुआ कि बैंको के एनपीए बढ़ते गए। आप जानते हैं कि NPA साफ़ करने के लिए कार्पेट के नीचे से पहले क्या होता था।’
‘लेकिन हमने पिछली सरकारों की हकीकत सामने लाई और असली स्थिति को ईमानदारी से राष्ट्र के आगे बताया। हम समाधान ढूंढने में तब सफल रहते हैं अगर हम समस्या को पहचान लेते हैं।