पटाखों की बिक्री को लेकर UP सरकार का निर्देश; जहां प्रदूषण ज्यादा, वहां दिवाली पर प्रतिबंधित रहेंगे पटाखे।

दिवाली पर्व के मद्देनजर वायु प्रदूषण को बेहतर करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पटाखों को जलाने को लेकर निर्देश जारी किए हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए राज्य सरकार के गृह विभाग की तरफ से सभी जिला अधिकारियों को सख्त दिशा निर्देश दिए गए हैं।

पटाखों की बिक्री को लेकर UP सरकार ने जारी किया निर्देश, NCR और उन सभी शहरों में जहां वायु गुणवत्ता ‘खराब’ या उच्च श्रेणी के अंतर्गत आती है, वहां सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री/उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। वहां पर केवल दो तक ही हरित पटाखे या ग्रीन पटाखें जलाए जा सकेंगे।

इसके साथ क्रिसमस और नए साल को लेकर गई पटाखों के लिए गाइडलाइंस जारी किया गया है। जिसके तहत 11:55 से लेकर 12:30 तक ही पटाखों का उपयोग किया जाएगा। पटाखों का उपयोग भी वहां किया जाएगा जहां पर हवा की गुणवत्ता मध्यम या उससे कम होगी। इसके साथ ही गृह विभाग ने 25 जिलों में पटाखों की बिक्री की अनुमति दी है।

जिसमें लखनऊ, कानपुर, आगरा, प्रयागराज, गोरखपुर, वाराणसी, सोनभद्र, गाजियाबाद, हापुड़, नोएडा समेत 25 शहर है। अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रदेश के 27 शहरों में वायु गुणवत्ता की निगरानी की जा रही है।

2021 में जनवरी से सितंबर तक इनमें शामिल लखनऊ, कानपुर, आगरा, सोनभद्र, गजरौला, गाजियाबाद, हापुड़, वाराणसी, नोएडा, फिरोजाबाद, झांसी, खुर्जा, प्रयागराज, मेरठ, मुरादाबाद, बरेली, रायबरेली, मथुरा, सहारनपुर, गोरखपुर, उन्नाव, ग्रेटर नोएडा, मुजफ्फरनगर, बागपत, बुलंदशहर, अलीगढ़ व अयोध्या वायु गुणवत्ता स्तर थोड़ा प्रदूषित (माडरेट) पाया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने 23 जुलाई, 2021 के आदेश में स्पष्ट किया है कि क्षेत्र की वायु गुणवत्ता थोड़ी प्रदूषित अथवा अच्छी है तो संबंधित प्राधिकारी हरित पटाखों की बिक्री व उपयोग की अनुमति दे सकते हैं। शासन ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश व कोविड-19 की परिस्थितियों के दृष्टिगत प्रदेश में निर्धारित समय सीमा के लिए हरित पटाखों की बिक्री व उपयोग की अनुमति प्रदान किए जाने का निर्णय किया है।

Share It