कांग्रेस ने पंजाब चुनाव के लिए रविवार को आठ उम्मीदवारों की एक और लिस्ट जारी की। लिस्ट में सबसे चौंकाने वाला नाम मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का है।
इस लिस्ट में चरणजीत सिंह चन्नी को भदौर (सुरक्षित) सीट से पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया है। चन्नी का नाम हैरानी इसलिए पैदा कर रहा है क्योंकि पार्टी उन्हें पहले ही उनकी परंपरागत सीट यानी चमकौर साहिब से उम्मीदवार बना चुकी है।
मुख्यमंत्री चन्नी चमकौर साहिब से लगातार तीन बार से विधायक हैं। अब उन्हें भदौर सीट से भी टिकट मिलने के बाद से चर्चाओं का बाजार गर्म है। कांग्रेस की इस कोशिश को आम आदमी पार्टी के गढ़ों को चुनौती देने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। अगर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी दो सीटों से चुनाव लड़ते हैं तो ये पंजाब में दूसरी बार होगा।
इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को कांग्रेस ने दो विधानसभा सीटों से चुनाव लड़वाया था। 2017 में आम आदमी पार्टी भदौर सीट 45.15 फीसदी वोटो से जीती थी। अकाली दल 28.71 प्रतिशत मतों के साथ दूसरे और कांग्रेस को मात्र 21.05 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे।
AAP ने बगल के महल कलां आरक्षित निर्वाचन में भी जीत हासिल की थी। आप, शिअद और कांग्रेस का वोट प्रतिशत क्रमश: 46.12 प्रतिशत, 24.43 प्रतिशत और 20.59 प्रतिशत रहा था। अब भदौड़ सीट से चरणजीत सिंह चन्नी की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद विपक्ष लगातार तंज कस रहा है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने चुटकी लेते हुए कहा, ”मैंने यह नहीं कहा कि हमारे सर्वे में चमकौर साहिब से चन्नी जी हार रहे हैं। आज कांग्रेस ने ऐलान किया है कि वे दो सीटों से चुनाव लड़ेंगे। क्या इसका मतलब ये है कि सर्वे सच है?”
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भी भदौड़ सीट से चरणजीत सिंह चन्नी की उम्मीदवारी की घोषणा पर तंज कसते हुए कहा, ”चमकौर साहिब के लोग अवैध खनन और दूसरी कई वजहों से उनसे नाराज थे। ये बात चरणजीत चन्नी जानते थे इसलिए उन्होंने फैसला किया कि वे भदौड़ से चुनाव लड़ेंगे।”
बता दें कि 2011 की जनगणना के अनुसार, पंजाब में 2.77 करोड़ दलित आबादी है जो मतदाताओं का 31.9 प्रतिशत है। इसमें से 19.4 प्रतिशत सिख दलित, 12.4 प्रतिशत हिंदू दलित और 0.98 प्रतिशत बौद्ध दलित हैं। चरणजीत सिंह चन्नी दूसरे सबसे बड़े दलित समूह (रविदासिया) से संबंध रखते हैं जो कुल दलित आबादी का 20.7% है।
मझबी सिख 26.33% आबादी के साथ सबसे बड़ा दलित समुदाय है। अधर्मी और बाल्मीकि समुदाय राज्य में कुल दलित आबादी का 10 और 8.6 प्रतिशत है।