पंजाब कांग्रेस में मंगलवार को एक बार फिर घमासान मच गया। 20 सितंबर को चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री बनने के बाद लग रहा था कि पंजाब में अब सब ठीक है, लेकिन ठीक 8 दिन बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। पार्टी सूत्रों ने कहा है कि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया और पार्टी नेतृत्व ‘मामले को सुलझाने की कोशिश करेगा’।
कांग्रेस ने एक बयान में कहा, “राज्य नेतृत्व को पहले अपने स्तर पर इस मामले को सुलझाने के लिए कहा गया है।” सिद्धू ने इसी साल जुलाई में पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष का पद संभाला था।
सिद्धू ने सोनिया गांधी को पत्र में लिखा, ‘‘किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व में गिरावट समझौते से शुरू होती है, मैं पंजाब के भविष्य और पंजाब के कल्याण के एजेंडे को लेकर कोई समझौता नहीं कर सकता हूं।’’
उन्होंने लिखा, ‘‘इसलिए, मैं पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं। कांग्रेस की सेवा करना जारी रखूंगा।’’ सुनील जाखड़ ने सोमवार को पत्रकार वार्ता के दौरान भविष्यवाणी की थी कि जिस तरह से पार्टी में चीजें चल रही है, उससे नहीं लगता कि सिद्धू विधानसभा चुनाव 2022 तक पार्टी का साथ देंगे।
जाखड़ पंजाब में कांग्रेस के कद्दावर नेता हैं और पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर बनाम सिद्धू पर उन्होंने कहा था कि कैप्टन आगामी विधानसभा चुनाव 2022 में सिद्धू के खिलाफ एक मजबूत उम्मीदवार खड़ा करेंगे। कैप्टन अमरिंदर सिंह के विरोध के बावजूद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने नवजोत सिंह सिद्धू पर विश्वास जताया।
जिसके बाद वर्षों से पार्टी के प्रति भरोसा रखने वाले कैप्टन अमरिंदर को सीएम पद छोड़ना पड़ा। लेकिन अब सिद्धू ने ही प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर हाई कमान को चौंका दिया है। बता दें कि चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाने में सिद्धू ने ही अहम भूमिका निभाई थी। लेकिन अब अचानक उनका इस्तीफा देना पार्टी हाई कमान के गले नहीं उतर रहा है।
बताया जा रहा है कि हाईकमान के कहने पर सीएम चरणजीत सिंह चन्नी खुद सिद्धू को मनाने के लिए पटियाला रवाना हो गए हैं।