नीतीश कुमार ने बाल विवाह और दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराइयों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समाज सुधार अभियान की शुरुआत की।

बाल विवाह और दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराइयों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए नीतीश कुमार ने पूर्वी चंपारण जिले के मोतिहारी से अपने समाज सुधार अभियान की शुरुआत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समाज सुधार अभियान है, यह निरंतर जारी रहेगा। प्रत्येक गांव, प्रत्येक शहर में यह चलता रहेगा।

अपने अभियान के तहत 12 जिला मुख्यालयों में जनसभा करेंगे, जिसमें अंतिम 15 जनवरी को पटना में होगा। नीतीश कुमार ने नवंबर 2005 में सत्ता में आने के बाद से राज्य भर में 12 यात्राएं (यात्राएं) की हैं, जिसके दौरान उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर जनसभाओं को संबोधित किया और सरकारी योजनाओं की समीक्षा की।

सीएम ने कहा कि चंपारण की इसी धरती पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 1917 में नशापान के कुप्रभाव को लेकर लोगों को आगाह किया था। हमें बापू के संदेश को जन-जन तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि नशापान के विरोध में पहले से प्रयासरत रहे हैं।

लेकिन पहली बार पटना में वर्ष 2015 में एक कार्यक्रम के दौरान महिलाओं की मांग पर ही उन्होंने अगली बार चुनाव जीत कर आने पर नशाबंदी को लागू कर दिया।

जिसको अमल में लाने के लिए कानून बनाने के साथ जागरुकता के लिए तमाम प्रयास किये गये। मुख्यमंत्री ने बाल विवाह को गलत बताते हुए कहा कि बाल विवाह करने से तरह-तरह की परेशानी होती हैं, बेटियों की जिंदगी बर्बाद हो जाती है। बाल विवाह से लड़कियों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है और जन्म लेने वाले बच्चे भी अस्वस्थ रहते हैं।

मुख्यमंत्री ने दहेज प्रथा के संबंध में कहा कि दहेज प्रथा से कई परिवार टूट जाते हैं। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि जिस विवाह के आमंत्रण पत्र (कार्ड) पर दहेज मुक्त लिखा होगा, उसी शादी में हम जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज सुधार के बिना विकास का कोई मतलब नहीं है। विकास के साथ समाज सुधार होगा तभी समाज, राज्य और देश आगे बढ़ेगा।

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