चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का ऐतिहासिक महत्व—
- ब्रह्ममुहूर्त से ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना प्रारंभ की थी।
- मां आदि शक्ति का प्रादुर्भाव हुआ था।
- प्रभु श्री राम का राज्याभिषेक हुआ।
- महाराज युधिष्ठिर का भी राज्यभिषेक इसी दिन हुआ।
- सम्राट वीर विक्रमादित्य का राज्याभिषेक।
- शक्ति और भक्ति के नौ दिन अर्थात् नवरात्र का पहला दिन।
- द्वितीय गुरू श्री अंगद देव जी का प्रकाश दिवस।
- स्वामी दयानंद सरस्वती जी द्वाराआर्य समाज की स्थापना।
- समाज रक्षक संत झूलेलाल जी का प्रकट दिवस।
- शालिवाहन हूणों को परास्त कर दक्षिण भारत में राजा बनें।
भारतीय नववर्ष का प्राकृतिक महत्व- - प्रकृति उल्लास तथा चारों तरफ पुष्पों की सुगंधि से भरी होती है।
- किसान फसलों की कटाई शुरू करते है ।
- ग्रह – नक्षत्र सब शुभ स्थिति में होते हैं।
- मौसम सुन्दर एवं सुहाना होता है।
भारतीय नववर्ष कैसे मनाएँ ? - हम परस्पर एक दूसरे को नववर्ष की शुभकामनाएँ दें।
- आपने परिचितों, मित्रों,रिश्तेदारों को नववर्ष के शुभ संदेश भेजें।
- अपने-अपने घरों व दुकानों पर भगवा झंडा लगाए व लगवाएं।
- मंदिरों, घरों एवं दुकानों के द्वार पर आम के पत्तों की वंदनवार बना कर सजाएँ।
- घरों की सफाई कर रंगोली तथा फूलों से सजाएँ।
- अपने मुहल्ले के धार्मिक स्थान पर सामूहिक भजन संध्या का आयोजन करें ।
आचार्य धीरज द्विवेदी “याज्ञिक”
(ज्योतिष वास्तु धर्मशास्त्र एवं वैदिक अनुष्ठानों के विशेषज्ञ)