प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को चक्रवात जवाद के संभावित गठन से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए तैयारियों की समीक्षा की, जिसके उत्तर आंध्र प्रदेश और ओडिशा तट से टकराने की आशंका है और अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव उपाय करने का निर्देश दिया कि लोगों को सुरक्षित रूप से निकाला जाए।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा है कि बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र चक्रवात जवाद में तेज होने की उम्मीद है, जो 4 दिसंबर की सुबह हवा के साथ उत्तरी आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तट पर पहुंचने की संभावना है। 100 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने आसन्न चक्रवाती तूफान ‘जवाद’ से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए कुल 64 टीमों को नियुक्त किया है।
बंगाल की खाड़ी से फिर उठा चक्रवाती तूफान जवाद कल यानी शनिवार को आंध्र प्रदेश के तट से टकराएगा। इसको लेकर आंध्र प्रदेश, ओडिशा, बंगाल में हाई अलर्ट जारी किया गया है। आपदा टीमें तैनात कर दी गई हैं और 95 ट्रेनों का परिचालन भी रद्द कर दिया गया है।
बंगाल की खाड़ी में उठे जवाद तूफान का खतरा कितना बड़ा इसका अंदाजा आप अंदाजा लगाया जा सकता है कि खुद प्रधानमंत्री देश की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। स्थिति को देखते हुए जरूरत पड़ने पर थल सेना और वायु सेना की भी मदद ली जाएगी।