झारखंड के बोकारो जिले में चिकित्सकों ने गुरुवार को दावा किया कि पांच साल पहले हुई सड़क दुर्घटना के बाद से बिस्तर पर पड़ा 55 वर्षीय एक व्यक्ति कोविड रोधी कोविशील्ड टीके की पहली खुराक लेने के बाद चलने-बोलने लगा है। इसे चमत्कार नहीं तो और क्या कहा जाय।
इलाज पर लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी ठीक नहीं होने के कारण चार साल से जो व्यक्ति बिछावन पर अचेत पड़ा था उसके शरीर में उर्जा दाैड़ गई है। पांच साल बाद उसकी जुबान लाैट गई है। वह पैर पर भी खड़ा होने लगा है। शख्स के शरीर में अचानक इस परिवर्तन से न सिर्फ उसके परिवार और गांव वाले आश्चर्यचकित हैं बल्कि चिकित्सक भी हैरान हैं।
यह सब कैसे हो गया? तो इसका तात्कालिक जवाब है कोविशील्ड का एक डोज। उन्होंने कहा कि मरीज कि चमत्कारिक रूप से स्वस्थ होने के मामले की जांच करने के लिए सरकार ने तीन सदस्यीय मेडिकल टीम का गठन किया है। चार साल पहले दुलारचंद की सडक दुर्घटना हुइ थी।
जिसके बाद उसका पूरा शरीर अकड़ गया था। वह बिछावन पर लाचार पड़े हुए थे। बोल भी नहीं पा रहे थे। परिवार वाले इलाज के लिए बाहर ले गए, मगर कोई फायदा नहीं हुआ। इजाल के लिए घर की पुस्तैनी जमीन तक बिक गई। मगर दुलारचंद बिछावन से उठ नहीं पाए।
6 जनवरी को उन्हें कोरोना का टीका-कोविशील्ड का पहला डोज दिया गया। इसके बाद उनकी बोली लाैट आई है। वह खड़े होने भी लगे हैं। हालांकि अभी चलने की स्थिति में नहीं हैं। इस बदलाव को स्वजन कोरोना के टीके को वरदान बता रहे हैं। वैक्सीन के कारण इस प्रकार के बीमारी के ठीक होने की पहली घटना है।
चूंकि वैक्सीन से प्रतिरक्षण प्रणाली ठीक होती है। इसलिए यह संभावना है कि दुालरचंद के साथ ऐसा हुआ होगा। उसकी इम्यूनिटी पावर बढ़ गई होगी। हालांकि इसके वैज्ञानिक जांच के बाद ही सबकुछ स्पष्ट हो पाएगा।
यह घटना पेटरवार में चर्चा का विषय बनी हुई है। हर यह जानने के लिए बेकरार है कि कैसे एक गूंगा शख्स बोलने लगा। चोट की वजह से जो शख्स बेड पर पड़ा हुआ था कैसे अचानक चलने फिरने लगा।