अब रिसर्चर्स ने अलग-अलग स्टडी से साबित किया है कि कोविड-19 सिर्फ फेफड़ों को नुकसान नहीं पहुंचाता। शरीर के अन्य हिस्सों में भी परेशानी हो रही है। लॉन्ग कोविड या पोस्ट-कोविड रिकवरी के दौरान ब्रेन सेल्स को पहुंचने वाले नुकसान से ब्रेन समस्याएं भी लगातार सामने आ रही हैं। रिकवर हुए मरीजों पर कई ऐसे शोध चल रहे हैं जिनसे संकेत मिला है कि गंभीर संक्रमण से लड़ने वाले रोगियों की कार्डिएक हेल्थ और मेंटल हेल्थ को बड़ा नुकसान हो सकता है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोविड-19 से रिकवर हो चुके मरीजों को अब न सिर्फ फॉलोअप स्क्रीनिंग या टेस्ट कराने की जरूरत है, बल्कि हर एक वॉर्निंग साइन और लक्षण को पहचानने की भी जरूरत है। रिकवर होने के बाद कुछ लोगों में साइकोलॉजिकल डिसॉर्डर देखा गया है।
इसके भी कुछ खास लक्षण होते हैं। मूड डिसॉर्डर, ब्रेन फॉग, एकाग्रता की कमी, मेमोरी लॉस स्ट्रेस या एन्जाइटी, क्रोनिक इंसोमेनिया या सहारे के बिना कोई काम करने में कठिनाई जैसे लक्षणों को नजरअंदाज न करें। जिन मरीजों ने कम ऑक्सीजन लेवल के साथ अधिक समय बिताया है, उनमें लक्षण ज्यादा दिख रहे हैं।
कोरोना को दे दी मात, लेकिन ध्यानरखने होंगे आपको कुछ बात. पोस्ट-कोविड के अगर आपको भी इस तरह के कोई लक्षण दिख रहे हैं तो सरकार की तरफ से पोस्ट कोविड अस्पताल खोले गए हैं आप उनसे जल्द से जल्द संपर्क करें। डॉक्टर से बात कर के अपनी समस्या बातएं वो आपका तभी वो आपका उचित इलाज कर सकेंगे।