कोरोनावायरस वैक्सीन: पहला डोज कोवीशील्ड का और दूसरा कोवैक्सिन का ? यहाँ हमें क्या पता होना चाहिए।

कोविशील्ड और कोवैक्सिन दो प्रमुख स्वदेशी टीके हैं जिनका उपयोग देश की आबादी को टीका लगाने के लिए किया जा रहा है। जबकि दोनों टीके अपने-अपने तरीकों से उपयोग के लिए काफी प्रभावशाली और सुरक्षित साबित हुए हैं। लेकिन इसके बावजूद एक सवाल लोगों के मन में लगातार बना हुआ है। वह यह कि क्या पहला डोज कोवीशील्ड और दूसरा डोज कोवैक्सिन का लगवा सकते हैं?

विशेषज्ञों का कहना है किसी भी व्यक्ति को पूरी तरह से सुरक्षित रहने के लिए वैक्सीन के दो डोज लेने की जरूरत है। इसलिए गलती से भी दूसरी खुराक को मिस ना करें। इसके साथ यह भी जरूरी है कि व्यक्ति को निश्चित अंतराल में की दूसरी डोज मिले और स्लॉट मिलने में ज्यादा देरी न हो।

आम लोगों के लिए वैक्सीनेशन जितना जरूरी है, वैक्सीन की कम उपलब्धता लोगों को वैक्सीनेशन टालने के लिए उतना ही मजबूर करती है, कुछ समय के लिए अगर वैक्सीनेशन में देरी हो भी जाए, तो कोई बुराई नहीं है लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि वैक्सीनेशन की डोज को किसी भी हालत में मिलाना नहीं चाहिए। इसका मुख्य कारण है कि सभी टीके अलग-अलग तरह से बनाए जाते हैं, जो काम भी अलग-अलग तरह से ही करते हैं।

इसलिए ऐसे समय में दो अलग-अलग खुराक को एक मनुष्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।

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